हिमाचल में बेटियों को मिलेगा संपत्ति में समान अधिकारी, एक्ट में किया संशोधन

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शिमला – नितिश पठानियां

हिमाचल प्रदेश में बेटियों को भी अब संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। पैतृक संपत्ति में बेटी को भी बेटे की तरह एक अलग इकाई माना जाएगा। लैंगिक समानता के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने 51 वर्ष पुराने ‘हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा अधिनियम-1972’ (‘हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट 1972’) में अब बड़ा संशोधन कर दिया है।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पास किए गए लैंड सीलिंग बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। अप्रैल 2023 में लैंड सीलिंग बिल को संशोधित कर विधानसभा में पास किया गया था। इस निर्णय से अब पैतृक संपत्ति में व्यस्क बेटी (विवाहित और अविवाहित) को भी एक अलग इकाई (150 बीघा भूमि तक) माना जाएगा।

राज्य सरकार ने मौजूदा अधिनियम की धारा 4 की उप-धारा 4 में ‘पुत्र’ शब्द के बाद ‘या पुत्री’ शब्द शामिल कर दिया है। इस संशोधन के बाद बेटी को बेटे के समान एक अलग इकाई के रूप में शामिल किया गया है। इससे पहले, इस अधिनियम में एक व्यस्क पुत्र को अलग इकाई के रूप में अतिरिक्त 150 बीघा भूमि तक का प्रावधान था, जबकि व्यस्क पुत्री को इस समान अधिकार से वंचित रखा गया था।

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