सरकारी व निजी बसें ज्वाली अड्डे में न आकर कैहरियां चौक पर उतार देती हैं सवारियां
ज्वाली – अनिल छांगु
नगर पंचायत ज्वाली के अधीन निर्मित बस अड्डा जवाली में बसों का आगमन न होने के कारण बस अड्डा ज्वाली शोपीस बनकर रह गया है, तो वहीं ज्वाली बाजार का अस्तित्व खतरे में है। बसों के बस अड्डा ज्वाली में न आने के कारण ग्राहक ज्वाली बाजार में नहीं आते हैं।
ग्राहकों के ज्वाली बाजार में न आने के कारण दुकानदार पूरा दिन ग्राहकों का इंतजार करने उपरांत शाम को मायूस होकर घट लौट जाते हैं। ज्यों तो समस्त बसों का बस अड्डा ज्वाली में आना अनिवार्य है लेकिन बस अड्डा ज्वाली पर बसों के दर्शन नहीं होते हैं। रोजाना 80 सरकारी व निजी बसें जवाली आती हैं लेकिन बस अड्डा जवाली में पहुंचना जरूरी नहीं समझतीं।
सरकारी व निजी बसों के चालक कैहरियां चौक पर ही सवारियों को उतारकर अपने गंतव्यों की तरफ वापिस चली जाती हैं। कैहरियां चौक से ही वापिस मूढ़ जाने के कारण कैहरियां चौक पर तीन-तीन, चार-चार बसें एक ही समय में आड़े तिरछी खड़ी हो जाती हैं। किराया ज्वाली का लिया जाता है जबकि कैहरियां में ही उतार दिया जाता है।
कई बार कैहरियां चौक पर उतारने को लेकर सवारियां परिचालकों के साथ उलझ पड़ती हैं। चालकों व सवारियों में काफी मैं-मैं, तू-तू हो जाती है। सवारियां बस अड्डा ज्वाली में बसों का इंतजार करती रहती हैं लेकिन बसों के अड्डा तक न आने के कारण सवारियां मायूस होकर रह जाती हैं।
बसों के बस अड्डा तक न आने के कारण सिविल अस्पताल ज्वाली, एसबीआई बैंक, केसीसी बैंक, ज्वाली व ज्वाली बाजार में आने वाले लोगों को कैहरियां चौक से जवाली तक एक किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है। बुजुर्गों का ज्वाली पहुंचना मुश्किल हो जाता है तो वहीं जिन लोगों के पास भारी भरकम सामन होता है उनको गाड़ी हायर करके सामान जवाली पहुंचाना पड़ता है।
अड्डा इंचार्ज भी कैहरियां चौक पर बैठकर ही बसों की पर्ची काटता है जबकि उसको बस अड्डा में बैठना चाहिए। कैहरियां चौक पर पुलिस का कर्मी तैनात रहता है लेकिन वो भी बसों को बस अड्डा तक जाने को नहीं कहता। बसों के बस अड्डा तक न आने के कारण जवाली का बाजार खत्म हो रहा है तथा दुकानदार पलायन कर रहे हैं।
ज्वाली के दुकानदारों ने कहा कि हम कई बार उपमंडलाधिकारी ज्वाली से मिलकर इस बाबत बात कर चुके हैं लेकिन कोई हल नहीं निकला है। कृषि एवं पशुपालन मंत्री चन्द्र कुमार को भी अवगत करवाया गया था लेकिन उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अभी भी समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।
एसडीएम विचित्र सिंह के बोल
इस बारे में उपमंडलाधिकारी ज्वाली विचित्र सिंह ने कहा कि जिन बसों का रूट बस अड्डा ज्वाली तक है वो बस अड्डा ज्वाली तक जाएं अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।