शिमला, 07 मार्च
राजधानी शिमला में मंगलवार दोपहर तक मौसम साफ था, और धूप खिली थी। दोपहर बाद तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टिसे कुछ समय यहां बर्फबारी जैसा नजारा देखने को मिला, जिसका पर्यटकों ने खूब लुत्फ उठाया।
हालांकि पर्यटकों की बर्फबारी की चाह अभी पूरी नहीं हो पाई है।विंटर सीजन में शिमला शहर में एक बार भी बर्फबारी न होने से पर्यटक व स्थानीय लोग मायूस हैं।
इस सीजन में शिमला समेत पूरे प्रदेश में कम बारिश होने से सूखे की हालत हो गई है। मंगलवार दोपहर बाद मौसम ने करवट ली और बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बारिश व ओलावृष्टि का दौर शुरू हो गया। बारिश से बचने के लिए लोग इधर-उधर भागते नजर आए।
दरअसल दोपहर तक मौसम के मिजाज से किसी को भी बारिश होने का अनुमान नहीं था। उधर, राज्य के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में कहीं-कहीं हल्का हिमपात हुआ है। मौसम के तेवरों से तापमान में गिरावट आने से सर्दी का प्रकोप फिर बढ़ गया है।
लाहौल-स्पीति जिला का मुख्यालय केलांग सबसे ठंडा स्थल रहा, जहां न्यूनतम तापमान -5.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। कुकुमसेरी में -2.6, कल्पा में 0.8 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा शिमला में न्यूनतम तापमान 8.7 डिग्री, सुंदरनगर में 7.8 डिग्री, भुंतर में 6.5 डिग्री, कल्पा में 0.8 डिग्री, धर्मशाला में 9.4 डिग्री, ऊना में 10.2 डिग्री, नाहन में 13.4 डिग्री, पालमपुर में 8.5, सोलन में 7, मनाली में 4, कांगड़ा में 10.4, मंडी में 8.6, बिलासपुर में 11, हमीरपुर में 9.1, चम्बा में 8.6, डल्हौजी में 8.7, जुब्बड़हट्टी में 11, कुफरी में 5.8, नारकंडा में 4.3, रिकांगपिओ में 4.2, सियोबाग में 4 और सराहन में 6.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
मौसम विभाग के मुताबिक मौसम में यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से आया है। विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि आगामी 11 मार्च तक राज्य भर में मौसम पूरी तरह साफ रहेगा।