अब दिल्ली से कश्मीर नहीं रहा दूर, हिंदुस्तान के लिए ऐतिहासिक तारीख बनी 6 जून

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हिमखबर डेस्क 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश को एक ऐतिहासिक सौगात दी और जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से जोडऩे वाला रेलमार्ग राष्ट्र को समर्पित किया।

मोदी ने देश के सबसे ऊंचे मेहराबदार (अद्र्ध चंद्राकार) चिनाब पुल और देश के पहले केबल पुल आधारित अंजी खड्ड ब्रिज का लोकार्पण किया और कटरा और श्रीनगर के बीच चलने वाली दो वंदेभारत ट्रेनों को एक साथ हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया।

मोदी सबसे पहले चिनाब पुल पर रेल निरीक्षण कार से पहुंचे और वहां करीब 100 मीटर तक हाथ में तिरंगा झंडा लेकर लहराते हुए चहलकदमी की। उन्होंने परियोजना में काम करने वाले श्रमिकों से भी मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने पुल के उद्घाटन पट्ट का अनावरण किया।

उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, रेल, सूचना प्रसारण, इलैक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह मौजूद थे।

चिनाब पुल के उद्घाटन के बाद श्री मोदी रेल निरीक्षण कार से अंजी खड्ड पुल पर पहुंचे और इसका अवलोकन और उद्घाटन किया।

बाद में वह रेल निरीक्षण कार से कटरा रेलवे स्टेशन पर आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे जहां उन्होंने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को कटरा से तथा वीडियो लिंक से श्रीनगर स्टेशन से कटरा आने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

स्टेशन पर बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी आए थे। कटरा स्टेशन पर कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल, मुख्यमंत्री, रेल, सूचना प्रसारण, इलैक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. सिंह भी मौजूद थे।

कल से शुरू होगी रेल सेवा

प्रधानमंत्री का उद्घाटन के साथ शनिवार सात जून से इन दोनों वंदे भारत ट्रेनों की वाणिज्य की यात्राएं शुरू हो जाएंगी। श्रीनगर और श्री वैष्णो देवी कटरा के बीच का सभी शुल्कों सहित किराया चेयर कार श्रेणी में 715 रुपए और एग्जीक्यूटिव क्लास में 1320 रुपए निर्धारित किया गया है।

इन दोनों ट्रेनों के चलने से देश के विभिन्न हिस्सों से कटरा पहुंचने वाले पर्यटकों और रेलयात्रियों को कश्मीर पहुंचने में आसानी होगी। उनकी सात घंटे की सडक़ मार्ग की यात्रा अब तीन घंटे में पूरी होगी।

हर मौसम जम्मू से श्रीनगर और बारामूला तक की यात्रा कुछ घंटे में पूरी हो सकेगी। अभी तक कश्मीर की वीडियो में बारामुला से संगलदान के बीच ही लोकल ट्रेनों का परिचालन हो रहा था।

कटरा से संगलदान के बीच रेल निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अब कटरा और श्रीनगर के बीच शनिवार से नियमित रूप से ट्रेन परिचालन शुरू हो रहा है।

पर्यटकों, व्यापारियों, स्थानीय निवासियों, छात्रों आदि के साथ-साथ माल की कम समय में आवाजाही का सस्ता एवं सुविधाजनक माध्यम उपलब्ध हो गया है।

इसी के साथ तीन ओर से शत्रुओं के घिरे दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में सैनिकों की आवाजाही के साथ रक्षा रसद का तीव्र, सुरक्षित एवं सतत परिवहन सुनिश्चित हो गया है। जम्मू के अलग रेल मंडल बन जाने से इन विकास परियोजनाओं में और तेजी आएगी।

साकार हुआ महाराजा हरि सिंह का सपना, अंग्रेज भी नहीं कर पाए थे यह काम

जम्मू-कश्मीर को रेलमार्ग से जोडऩे का सपना तो महाराजा हरि सिंह ने आजादी से पहले देखा था। उन्होंने अंग्रेजों के सहयोग से जम्मू-कश्मीर तक नैरो गेज टॉय ट्रेन चलाने के लिए सर्वेक्षण कराए थे, लेकिन दुरूह भौगोलिक परिस्थितियों के कारण इस पर आगे बढऩा संभव नहीं हो पाया।

बाद में इस सपने पर वर्ष1983 में काम शुरू हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जम्मू से ऊधमपुर तक 53 किलोमीटर के रेलमार्ग की आधारशिला रखी थी।

उस लाइन पर 1800 करोड़ रुपए की लागत आई थी और 22 साल बाद 2005 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उद्घाटन किया था।

वर्ष 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने कश्मीर घाटी को रेलवे लिंक से जोडऩे के फैसले पर मुहर लगाई थी। वर्ष 2008-09 में ऊधमपुर श्रीनगर बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) पर काम शुरू हुआ जो दिसम्बर 2024 में पूरा हुआ और जनवरी में रेल संरक्षा आयुक्त ने संगलदान कटरा के करीब 67 किलोमीटर के आखिरी खंड को प्रमाणपत्र प्रदान किया।

इस प्रकार से 272 किलोमीटर की जम्मू-कश्मीर रेल लिंक परियोजना का काम पूरा करने में चार दशक से अधिक समय लग गया।

एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा

प्रधानमंत्री ने दुनिया के दूसरे सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज चिनाब पुल का उद्घाटन किया है, वह एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है। चिनाब नदी तल से इसकी ऊंचाई 359 मीटर है।

इसी रेल मार्ग पर अंजी ब्रिज भारत का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज है। यूएसबीआरएल परियोजना में 36 सुरंगें (119 किलोमीटर तक फैली हुई) और 943 पुल शामिल हैं। इसके निर्माण में लगभग 43,780 करोड़ रुपए की लागत आई है।

मेक इन इंडिया

कटरा श्रीनगर रेलवे लिंक पर चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस का उच्च हिमालयी संस्करण भी भारत की इंजीनियरिंग उत्कृष्टता का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा ‘मेक इन इंडिया’पहल के तहत निर्मित, वंदे भारत एक्सप्रेस विश्वसनीयता, सुरक्षा और यात्री आराम सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और उन्नत सुविधाओं से लैस है। इस ट्रेन को कश्मीर घाटी की चरम जलवायु परिस्थितियों के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है।

जम्मू से बारामूला तक

जम्मू से बारामूला तक 324 किलोमीटर का रेल नेटवर्क पूरा होने के साथ ही रेलवे ने जम्मू-कश्मीर के लिए पांच नयी परियोजनाओं पर भी कदम बढ़ा दिये हैं।

रेलवे ने जिन पांच नए रेलवे लिंक पर सर्वेक्षण शुरू किए हैं, उनमें बारामुला-उरी नई लाइन (46 किलोमीटर), सोपोर-कुपवाड़ा नई लाइन (37 किलोमीटर), अनंतनाग-पहलगाम नई लाइन (78 किलोमीटर), अवंतीपुर-शोपियां नई लाइन (28 किलोमीटर), और बानिहाल-बारामुला दोहरीकरण (118 किलोमीटर) शामिल हैं।

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