शिमला – रजनीश ठाकुर
प्रदेश सचिवालय में चपरासी और क्लर्क की नौकरी के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने के मामले में पुलिस ने पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने नौकरी के नाम पर 25 युवाओं को ठग कर उनसे लाखों रुपए लिए हैं।
पुलिस ने मामले में मंगलवार को शिमला के कोटखाई निवासी आरोपी परीक्षित आजाद को गिरफ्तार किया था। इसके आलावा पुलिस ने बुधवार देर रात सोलन के तीन, जोगिंद्रनगर और शिमला के जुन्गा के एक-एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने मुख्य आरोपी परीक्षित आजाद के विकास नगर के किराये के मकान में दबिश देकर छह फर्जी नियुक्ति पत्र, प्रिंटर, लैपटॉप, मोबाइल सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। बताया जा रहा है कि सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर आरोपी ने करीब 25 बेरोजगारों को ठगा है। इनमें से कई युवकों को नौकरी में ज्वाइन करने के लिए फरवरी और मार्च के नियुक्ति पत्र तक जारी किए गए हैं।
बताया जा रहा है आरोपी को पुलिस की दबिश की भनक लग गई थी। आरोपी ने पुलिस के पहुंचने से पहले ही कुछ संदिग्ध सामान जला दिया था। इनमें सरकारी स्टैंप भी जली हुई हैं। पुलिस ने मौके से राख के सैंपल लेकर जांच के लिए फोरेंसिक लैब जुन्गा भेज दिए हैं।
गौर हो कि पारस और अजय सचिवालय पहुंचे, तो नियुक्ति पत्र फर्जी निकले। इसके बाद सचिवालय प्रशासन की उपसचिव की शिकायत के बाद दोनों युवकों से पूछताछ करने पर पता चला कि दोनों से करीब 50 से 75 हजार रुपए खाते में डलवाकर परीक्षित ने उन्हें फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए थे।
पुलिस थाना छोटा शिमला में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस मामले के हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है।