स्वयं सहायता समूहों को उत्पादों के विपणन की मिलेगी बेहतर सुविधा: बैरवा, उत्पादों के विक्रय के लिए आनलाइन सुविधा से भी जुड़ेंगे स्वयं सहायता समूह
धर्मशाला, 19 जुलाई – हिमखबर डेस्क
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की ब्रांडिंग तथा विपणन के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे ताकि महिलाओं की आर्थिक स्थिति सृदृढ़ हो सके। शनिवार को चामुंडा मंदिर के नजदीक हिम ईरा शॉप का शुभारंभ करने के उपरांत उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि हिम ईरा शॉप में उपमंडल के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों अपने उत्पाद बेचने की सुविधा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इससे पहले धर्मशाला डीसी कार्यालय परिसर तथा जिला पंचायत अधिकारी के कार्यालय के नजदीक हिम ईरा शाप्स खोली जा चुकी हैं तथा गत तीन माह में इन शाप्स में एक लाख 11 हजार रूपये के उत्पादों की बिक्री हो चुकी है तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की डिमांड भी बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सृदृढ़ करने की दिशा में हिम ईरा शाप्स की अहम भूमिका रहेगी चूंकि ग्रामीण स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूह आर्गेनिक तरीके से अलग अलग उत्पाद तैयार करते हैं तथा हिम ईरा शाप्स के माध्यम से इन उत्पादों के विपणन की बेहतर सुविधा मिलेगी।
उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को उत्तम क्वालिटी से तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया गया है इसके साथ ही उत्पादों की पैकेजिंग के लिए उचित कदम उठाए गए हैं ताकि मार्केट में इन उत्पादों की डिमांड बढ़ सके। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि जिला भर में चरणबद्व तरीके से हिम ईरा शॉप्स निर्मित की जा रही हैं।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को आनलाइन बेचने के लिए भी हिम ईरा की वेबसाइट तैयार की गई तथा सभी स्वयं सहायता समूहों को वेबसाइट के साथ जोड़ा जा रहा है ताकि भविष्य में स्वयं सहायता समूह ऑनलाइन भी अपने उत्पादों को बेच सकें।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग तथा पंचायती राज विभाग को हिम ईरा शाप्स के माध्यम से हो रही बिक्री के बारे में विशेष फोक्स करने के लिए कहा गया है इसके साथ ही कमियों को भी दूर करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि उत्पादों के विपणन के इस मॉडल को सफल बनाया जा सके।
उन्होंने बागबानी तथा कृषि विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश देते हुए कहा कि ग्रामीण विकास विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर हिम ईरा शाप्स के माध्यम से जैविक बागबानी तथा कृषि उत्पाद बचने के लिए भी प्लान तैयार किया जाए।