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छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारियां धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत की गई हैं। 

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शिमला – नितिश पठानियां

बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारियां धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत की गई हैं।

मामले में एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप के पार्टनर राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार, केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट पंडोगा के उपाध्यक्ष हितेश गांधी और प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की छात्रवृत्ति शाखा के तत्कालीन अधिकारी अरविंद राजटा को गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तार आरोपियों को विशेष न्यायालय शिमला के समक्ष पेश कर। पांच दिनों की ईडी हिरासत में लिया है। मामले में ईडी ने सीबीआई शिमला की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि राज्य शिक्षा विभाग, निजी संस्थान और बैंक अधिकारी 200 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति निधि के वितरण में बड़े पैमाने पर गलत विनियोजन में शामिल थे।

ईडी की जांच से पता चला कि राजदीप जोसन और कृष्ण कुमार ने मेसर्स एएसएएमएस एजुकेशन ग्रुप एंड स्किल डेवलपमेंट सोसाइटी के माध्यम से फर्जी दस्तावेज पेश करके एससी/एसटी/ओबीसी विद्यार्थियों के लिए पोस्ट-मैट्रिक योजना के तहत छात्रवृत्ति का दावा किया।

इसी तरह, हितेश गांधी की अध्यक्षता वाले केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूटस पंडोगा ने छात्रवृत्ति के लिए फर्जी दावे किए, जिन्हें अरविंद राजटा ने सत्यापित किया। हितेश गांधी ने विद्यार्थियों के बैंक खाते में वितरित छात्रवृत्ति को केसी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूटस के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया।
इससे पहले 31 अगस्त को 4 राज्यों में 24 स्थानों पर तलाशी ली गई थी और 4.42 करोड़ रुपये की अनंतिम कुर्की आदेश दिया गया था। जिसकी पुष्टि एलडी ने की।
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