शिमला – जसपाल ठाकुर
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नौवीं से 12वीं कक्षा तक की हिंदी और संस्कृत की किताबों में गीता का सार शामिल किया जाएगा। नए शैक्षणिक सत्र से श्रीमद्भागवत गीता का अध्याय पढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है।
मई से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इन कक्षाओं का नया शैक्षणिक सत्र शुरू होगा। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सत्तापक्ष-विपक्ष ने ध्वनिमत से गीता के सार को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया है।
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि सरकार ने बजट सत्र में यह फैसला लिया है। इसे लागू करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। रूपरेखा तैयार की जा रही है।
जल्द ही इसका प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जीवन का सार गीता में आता है। कई देशों में इसका अध्ययन करवाया जा रहा है। अब इसे प्रदेश के स्कूलों में भी पढ़ाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने कहा है कि आज के युवाओं और आने वाली पीढ़ी को संस्कारों और संस्कृति का ज्ञान देना जरूरी हो गया है।
बच्चे मोबाइल फोन और टीवी में उलझकर रह गए हैं। अब स्कूल ही ऐसा विकल्प रह गया है, जहां यह ज्ञान दिया जा सकता है।