मंडी – अजय सूर्या
हिमाचल प्रदेश सरकार पर एक बार फिर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगा है। विधायक इंद्र सिंह गांधी ने कड़े शब्दों में सरकार और मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि जहां स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ नर्सों और अन्य कर्मचारियों को तेरहवें महीने का वेतन दिया जा रहा है, वहीं पुलिस विभाग के कर्मियों को इससे वंचित रखा गया है।
“पुलिस कर्मी 48 घंटे की ड्यूटी करते हैं, दिन-रात जनता की सेवा में तैनात रहते हैं, फिर भी सरकार उन्हें उनका हक देने से कतरा रही है। यह स्पष्ट रूप से अन्याय और भेदभाव है,” विधायक गांधी ने कहा।
उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस कर्मचारी संगठनों ने कई बार यह मुद्दा उठाया, लेकिन हर बार सरकार ने इसे अनसुना कर दिया। जब यह सवाल मुख्यमंत्री से किया गया तो जवाब मिला कि “ऐसा कोई मामला सरकार के विचाराधीन नहीं है।”
विधायक गांधी ने इस जवाब को “कर्मचारी विरोधी मानसिकता” करार देते हुए कहा कि सरकार अपने कर्मचारियों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही पुलिस कर्मियों को भी स्वास्थ्य विभाग की तर्ज पर तेरहवें महीने का वेतन नहीं दिया गया तो बड़ा आंदोलन खड़ा होगा।
सरकार कब तक इस अन्याय पर चुप्पी साधे रखेगी? क्या पुलिस कर्मियों को उनका हक मिलेगा या फिर सरकार अपनी कर्मचारी विरोधी नीतियों पर अडिग रहेगी?