स्टाफ रिपोर्टर:राजीव
अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुदेश सहोंतरा ने एक बार पुनः हिमाचल में जय राम ठाकुर सरकार से विनती की है की बो बाल्मीकि समाज की बार बार जो मांगे उठाई है जिसे पहले राष्ट्रीय स्तर पर भी उठाया जा चूका है, पर सरकार इन मांगो के प्रति अपना पूर्व सरकार की तरह उदासहीन रवेया अपनाये हुये है।
जिसके कारण वाल्मीकि समाज का विश्वास सरकार के प्रति खत्म हो रहा है.राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने बताया की समाज की मांगो का मांग पत्र बो कई बार दे चुके है इस बार मांग को नहीं दोहराऊंगा अगर सच में सरकार वाल्मीकि समाज की हितैषी है तो उन मांग पत्र पर गौर कर के उसे पूरा करने की कोशिश करे.एक बार पुनः बड़े दुख के साथ लिखना पड़ रहा है कि उस वाल्मीकि कल्याण बोर्ड का क्या फायदा जिसकी आज तक एक बैठक भी नहीं हुई.और जो कल्याण बोर्ड के सदस्य है बो सरकार के आदेश का इंतजार कर रहे है की सरकार का कब न्योता आये और बो वाल्मीकि समाज का दुखड़ा सुनाये! वाल्मीकि समाज की मांगो को गंभीरता से ना लेने का मुख्य कारण यह है की सरकार में कोई भी वाल्मीकि समाज का नेता पार्टी मे ना तो विधायक है और ना ही उच्च पद पर है.अन्य अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ावर्ग के नेता वाल्मीकि समाज की मांगो को नहीं उठाते है और ना ही ज्यादा तबजुब देते है. काश वाल्मीकि समाज का कोई नेता वाल्मीकि कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष या उपाध्यक्ष होता तो शायद ना जाने कितनी बैठक हो जाती.मैं सरकार को आगाह कर देना चाहता हु की अब बो 35—40 साल पुराना समाज नहीं है जो वोट बैंक की खातिर यूज़ हो जाते थे अब सभी अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक है सुदेश सहोंतरा ने मांग की है की देश के अन्य राज्यों की तरह हिमाचल मे सफाई कर्मचारी आयोग का गठन करे.ताकि सफाई कर्मचारियों को अपने उज्ज्वल भविष्य की लो दिखाई दे.