हिमखबर डेस्क
तपोवन में हिमाचल की 14वीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। 5 दिसंबर तक चलने वाले सत्र के दौरान कई मुद्दों पर तपोवन तपेगा। इस सत्र में कुल आठ बैठकें होंगी। पहले दिन सदन में प्रश्नकाल में गतिरोध पैदा कर विपक्ष ने पंचायतों के चुनाव में देरी करने पर सारा काम रोककर स्थगन प्रस्ताव लाया।
इस पर हंगामा होने की आशंका थी पर सरकार ने चर्चा के लिए हामी भर दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान की सबसे बड़ी रक्षक कांग्रेस पार्टी है, महिलाओं के लिए पंचायती राज संस्थाओं में कांग्रेस ने आरक्षण का प्रावधान किया। सरकार कानून के अनुसार सरकार कार्य कर रही है।
सीएम ने कहा कि कानून की परिधि में रहकर पंचायत चुनाव करवाएंगे। पूर्व भाजपा सरकार ने अपने शासनकाल में शिमला नगर निगम के चुनाव नाै महीने देरी से करवाए। कहा कि भाजपा पांच गुटों में बंटी है, इसलिए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर तनाव में रहते हैं।
सही मायने में कांग्रेस पार्टी कानून की संरक्षक
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूं तो यह मामला अर्धन्यायिक रहा है। लेकिन इसके बावजूद विपक्ष ने आज संविधान दिवस होने की बात की है तो सरकार ने इसे मंजूर किया है। उन्होंने कहा कि कानून का यदि सही मायने में कोई संरक्षक है तो वह कांग्रेस पार्टी ही है। जो भी इस संबंध में कार्य हो रहा है तो वह कानून की परिधि में ही हो रहा है। कानून की परिभाषा को स्पष्ट करने का अधिकार न्यायालय के पास है और मामला कोर्ट में है।
इससे पूर्व भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव लाते हुए कहा कि सरकार सांविधानिक संस्थाओं का सम्मान करे। पंचायत चुनाव समय पर होने चाहिए। आज विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सदन में संविधान की प्रस्तावना भी सभी से पढ़वाई।
चर्चा में भाग लेते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 1975 में आपातकाल लगाकर भी इसी तरह से चुनाव टाले गए थे। जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा प्रबंधन एक्ट लगाकर इसकी आड़ में चुनाव टाले जा रहे हैं। कोविड जैसा संकट होने के बावजूद भाजपा सरकार ने चुनाव करवाए। यह बहुत बड़ा संकट था। उससे बड़ा संकट आज की तिथि में नहीं है।
जब-जब भी विधानसभा का सत्र शुरू होता है तो विपक्ष के लोग महत्वपूर्ण मुद्दों से हट जाते हैं: संजय अवस्थी
स्थगन प्रस्ताव पर भोजनावकाश के बाद चर्चा शुरू हुई। कांग्रेस विधायक संजय अवस्थी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि लगभग तीन वर्ष का प्रदेश सरकार का कार्यकाल होने जा रहा है। जब-जब भी विधानसभा का सत्र शुरू होता है तो विपक्ष के लोग महत्वपूर्ण मुद्दों से हट जाते हैं।
विधायकों ने जो प्रश्न लगाए थे, उन पर चर्चा होनी थी, जो नहीं हो पाई। किसी भी सरकार का कार्यक्षेत्र होता है कि किस प्रकार देश, काल और परिस्थितियों को देखते हुए फैसले लेने हैं। किसी भी तरह के नजरिए के पैमाने अलग नहीं होने चाहिए। आज आपदा अधिनियम लागू है। इसे लागू होने को तो विपक्ष के लोग भी समझते हैं। इस तरह का प्रस्ताव समझ नहीं आता, पर इसके पीछे कोई राजनीति है।
अधिकतम आपदा मंडी, कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति में आई है। कोई भी जिला इससे अछूता नहीं है। किस सांविधानिक संकट की यह बात कर रहे हैं, जब विधायकों की खरीद फरोख्त हुई तो सांविधानिक संकट तो इन्होंने लाया है। पंडित नेहरू के समय पंचायती राज चुनाव शुरू हो गए थे। नरसिम्हा राव की सरकार में 73वां सांविधानिक संशोधन लाया गया। कांग्रेस ने हमेशा पंचायती राज संस्थाओं को सुदृढ़ किया है।
पंचायतों के चुनाव समय पर होने चाहिए: सुरेंद्र शौरी
चर्चा में भाग लेते हुए बंजार के भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि पंचायतों के चुनाव समय पर होने चाहिए। लेकिन सरकार चुनाव से भाग रही है।अगर चुनाव लेट होंगे तो पंचायतों का विकास कैसे होगा। शौरी ने कहा कि दिसंबर 2024 के अंदर सरकार ने कहा कि नई पंचायतें बनेंगी। करीब 700 फाइलें बनीं। फिर निर्णय लेते हैं कि कोई नई पंचायतें नहीं बनेंगी।
अब पंचायतों का पुनर्गठन हो रहा है। पहले उनके विधानसभा क्षेत्र में कोई सड़कें नहीं थीं तो भी वहां चुनाव हुए। जहां आज स्कूल में छोटे बच्चे पढ़ने जा रहे हैं। वहां मतदान केंद्र होते हैं, क्या वहां मतदाता नहीं जा सकते हैं। आम जनता इसे देख रही है कि भ्रम की स्थिति बनी हुई है। डिजास्टर एक्ट को लगाने का तो बहाना बनाया गया है।
कार्यसूची प्रस्तुत करने को सीएम को कहा तो जयराम ने किया विरोध
स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने भाजपा विधायक रणधीर शर्मा की ओर से स्थगन प्रस्ताव लाने के बाद सीएम को सदन की अगली कार्यसूची के बारे में अवगत करवाने की बात की। इस पर जयराम ठाकुर ने विरोध किया। इस पर स्पीकर ने नियम 72 का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा किया जा सकता है। इसके बाद सीएम ने कार्यसूची पढ़ी। सदन के पटल पर राष्ट्रपति और राज्यपाल से मंजूर विधेयक भी रखे गए। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मंडी में सरकार के तीन साल पूरा होने पर जश्न नहीं, विजन बताएंगे।
बंजार अग्निकांड प्रभावितों को 7-7 लाख मिलेंगे: सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सदन में कहा कि भाजपा विधायक सुरेंद्र शौरी के हलके बंजार में आग लगने से काफी नुकसान हुआ है। सीएम ने सदन में घोषणा की कि घर जलने पर वहां प्रत्येक व्यक्ति को 7-7 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके अलावा सामान नष्ट होने की स्थिति में एक-एक लाख रुपये दिए जाएंगे। सीएम ने कहा कि सरकार मकान जलने से लोगों को हुए नुकसान के लिए संवेदनशील है। आपदा प्रभावितों को राहत दी जा रही है।
सभापति की भूमिका में नजर आए संजय रतन
ज्वालामुखी के कांग्रेस विधायक विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के सदन से बाहर जाने पर सभापति की भूमिका में नजर आए। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बने विनय कुमार के सदन में न होने पर संजय रत्न चेयर पर बैठे। विनय कुमार बुधवार को पहले दिन सदन में उपस्थित नहीं हुए। पिछले दिनों से वह दिल्ली के दौरे पर हैं। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी बुधवार को सदन में नहीं थे। न ही संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान सदन में रहे।

