व्यूरो- रिपोर्ट
देश की सबसे पूरानी नगर परिषदों में शुमार नाहन नगर परिषद इन दिनों अपने विश्राम गृह की इमारत में चल रही है। मुख्यमंत्री द्वारा 6 माह पहले नगर परिषद कार्यालय का शिलान्यास किया गया था लेकिन आज तक नगर परिषद नाहन के कार्यालय का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। कार्यालय की प्रस्तावित बहुमंजिला इमारत के निर्माण के मामले में जमीन के मालिकाना हक को लेकर पैदा हुए अड़ंगे के बाद 4.50 करोड़ की लागत से बनने वाली इमारत के निर्माण में मानो ग्रहण लगा है।
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार तोमर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि नगर क्षेत्र की प्रस्तावित बहुमंजिला इमारत के निर्माण में पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिली है, जिसके पीछे कारण भूमि नगर परिषद के नाम न होना है।
उन्होंने बताया कि जिस भूमि पर दशकों से नगर परिषद कार्यालय चल रहा था वह भूमि एक बाबा के नाम है जबकि कब्जा नगर परिषद का है। उन्होंने बताया कि मालिकाना हक न होने के चलते राजस्व विभाग से पेड़ काटने की अनुमति नहीं मिल पा रही है। जैसे ही भूमि नगर परिषद के नाम होती है प्रस्तावित बहुमंजिला इमारत का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि बीते वर्ष नगर परिषद ने अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सैंकड़ों मकान ध्वस्त किए थे, जिससे मकान मालिकों को लाखों रुपए का नुक्सान झेलना पड़ा था लेकिन बात करें नगर परिषद नाहन की तो नगर परिषद का अपना ही कार्यालय दशकों से कब्जे में चल रहा था, जिसका खुलासा अब नए बनाए जा रहे नगर परिषद कार्यालय की इमारत निर्माण के दौरान हुआ है, जिसके चलते अब लोग भी चुटकी लेने का कोई भी मौका छोड़ते नजर नहीं आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि बीते वर्ष जब नगर परिषद अपने लाव-लश्कर के साथ अवैध कब्जों पर कार्रवाई कर रही थी तो उसे अपना ही कार्यालय क्यों नहीं दिखाई दिया।