25 किलो देसी घी और चंदन की लकड़ी से होगा वीरभद्र सिंह का दाहसंस्कार

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हिमाचल के छह बार मुख्यमंत्री रहे राजा वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार जोबनी बाग रामपुर में किया जाएगा। इसके लिए चंदन शूर (स्‍थानीय चंदन) और सामान्य लकड़ी से किया जाएगा। वहीं इस दौरान करीब 25 किलोग्राम देसी घी और कई किलोग्राम मेवे का भी प्रयोग किया जाएगा।

शिमला, जसपाल ठाकुर 

हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे राजा वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार जोबनी बाग रामपुर में किया जाएगा। इसके लिए चंदन, शूर (स्‍थानीय चंदन) और सामान्य लकड़ी से किया जाएगा।

वहीं इस दौरान करीब 25 किलोग्राम देसी घी और कई किलोग्राम मेवे का भी प्रयोग किया जाएगा। जोबनी बाग में राज परिवार के लिए अलग से ही स्थान निर्धारित किया गया है। जहां पर केवल राज परिवार के लोगों का ही अंतिम संस्कार किया जाता है। इस पूरे विधि विधान को राज परिवार से जुड़े स्थानीय पंडितों द्वारा पूरा किया जाएगा।

आज भी जोबनी बाग में राज परिवार के पूर्वजों के स्मारक देखे जा सकते हैं, जहां पर केवल राज परिवार के सदस्यों का ही अंतिम संस्कार किया जाता है। हालांकि इसके साथ ही आम लोगों के अंतिम संस्कार के लिए भी स्थान बनाया गया है।

राज परिवार के किसी सदस्य के अंतिम संस्कार के बाद यहां पर स्मारक या समाधी बनाने की भी परंपरा है। यहां पर राजा वीरभद्र सिंह के पिता राजा पदम देव सिंह सहित अन्य परिवार के सदस्यों की भी समाधियां बनाई गई हैं।

तीन दिन से राज परिवार में नहीं जला चूल्हा                      पूर्व मुख्यमंत्री के निधन के बाद से राज परिवार के सदस्यों ने तीन दिनों से अन्न ग्रहण नहीं किया है। जबकि विक्रमादित्य सिंह ने राजतिलक के बाद जूस पिया। तीन दिनों से राज परिवार के सदस्य केवल फलों का ही सेवन कर रहे हैं।

हिंदू परंपरा के अनुसार जब तक घर से पार्थिव देह को अंतिम संस्कार के लिए नहीं ले जाया जाता, तब तक घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। ऐसे में राज परिवार के लोगों ने भी इस परंपरा का निर्वहन किया। हालांकि स्थानीय लोगाें की ओर से दूर दराज से आने वाले लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था की गई थी।

वहीं दूसरी ओर रक्तदान सेवा परिवार सोसायटी रामपुर ने मुख्य राजमार्ग पर बाहर से आने वाले सैकड़ों लोगाें के लिए खाने पीने व्यवस्था कर रखी थी। इसमें सोसायटी ने सादा खाना ही लोगों को परोसा।

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