दुराना,राजेश
कोरोना रोकथाम हेतु लाकडान लगाने की परिस्थितियों में गरीब परिवारों को राशन मुहैया करवाने के एवज में पूर्व विधायकों की पैंशन एवं वर्तमान विधायकों , मंत्रीयों के वेतन भत्तों सहित पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय को काटने की व्यवस्था करे सरकार।साधू राम राणा पूर्व पंचायत समिति सदस्य एवं वर्तमान उपप्रधान पंचायत डोल भटहेड़ तहसील जबाली ने प्रेस वार्ता में कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार द्वारा जो वर्तमान व्यवस्था पर चर्चा केलिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है और जिस में क्रोना रोकथाम केलिए लाकडाउन लगाने संबंधी भी फैसला सरकार लेने जैसे पग पर विचार या फैसला ले सकती है।
अतः इस गंभीर आपदा से निपटने केलिए लाकडाउन लगाया जाना सरकार का सही फैसला हो सकता है लेकिन इस फैसले से जो कोरोना पोजिटिव परिवार एवं गरीब परिवारों को रोजी-रोटी से जूझना पड़ेगा उसकी व्यवस्था पर भी सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में चर्चा एवं निर्णय लिया जाए ताकि कोरोना प्रभावित एवं दिहाड़ीदार परिवारों को लाकडाउन की स्थिति में रोजी-रोटी से जूझना ना पड़े।
क्योंकि गरीब एवं मध्यम वर्ग पहले ही पिछले एक साल से कोरोनाके प्रभाव से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और अब लाकडाउन की परिस्थितियों में गरीब एवं मध्यम वर्ग बिना किसी नियमित आय स्रोत के बगैर संभल नहीं पाएगा और प्रदेश में भूखमरी जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। अतः लाकडाउन लगाने की स्थिति में गरीबों एवं मध्यम वर्ग को सामान्य रूप से खाद्य पदार्थों की आपूर्ति की भरपाई करने केलिए सरकार इस संकट की घड़ी में जनता द्वारा चुने गए पंचायत स्तर से लेकर विधायकों मंत्रियों एवं पूर्व विधायकों के मानदेय एवं वेतन भत्तों , पैंशन को एक मुश्त काटने की व्यवस्था लागू करे ताकि समाज सेवा के रूप में लिए गए समर्थन के एवज में प्रदेश के जरुरतमंदों को लाभान्वित किया जा सके।
यदि एक विधान सभा का पंचायत सदस्य से लेकर विधायक तक का एक मास का मानदेय एवं वेतन भत्तों को जोड़ा जाए तो लगभग दस लाख राशि हर विधानसभा क्षेत्र केलिए जुड़ जाएगी और इस राशि से लाकडाउन में जरुरतमंदों को भी लाभान्वित किया जा सकता है और कोरोना चेन को भी ब्रेक लगाई जा सकती है।