शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल बिजली बोर्ड में 51 इंजीनियर पदों को समाप्त करने और 81 आउटसोर्स ड्राइवरों की सेवाएं खत्म करने के खिलाफ बिजली कर्मचारी भड़क उठे हैं। आज, बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर कर्मचारियों और अभियंताओं के संयुक्त मोर्चे ने धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदेशभर में आयोजित इस प्रदर्शन में बिजली बोर्ड के पेंशनर भी शामिल हुए। कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि 16 अक्तूबर 2024 को जारी अधिसूचना में समाप्त किए गए सभी 51 इंजीनियरिंग पदों को बहाल किया जाए और 81 आउटसोर्स चालकों की सेवाएं पुनः शुरू की जाएं। इसके अलावा, कर्मचारियों ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का लाभ भी मांगा।
संयुक्त मोर्चा ने आरोप लगाया कि सरकार बिजली बोर्ड की स्थिति सुधारने के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी के माध्यम से इसे तीन हिस्सों—ट्रांसमिशन, जेनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन—में बांटकर निजीकरण करने की कोशिश कर रही है।
मोर्चे ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपने निर्णय वापस नहीं लिए, तो वे आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होंगे। बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ नहीं मिल रहा है, और इस मुद्दे पर वे लगातार सरकार से अपनी मांगें उठा रहे हैं। दिवाली के बाद आंदोलन को और तेज करने की योजना बनाई जा रही है।
इस अवसर पर जॉइंट फ्रंट के अध्यक्ष लोकेश ठाकुर ने बताया कि दीपावली महोत्सव के चलते आंदोलन को कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है। उन्होंने सरकार को 15 दिन का समय देते हुए कहा, “यदि इस अवधि में सरकार हमारे मुद्दों का समाधान नहीं करती, तो हम एक बड़े आंदोलन की योजना बनाएंगे।
जिसमें *tool down & pen down* का एलान किया जाएगा, जिसकी तिथि दिवाली के बाद घोषित की जाएगी। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर ठोस कदम उठाने का संकल्प व्यक्त किया है और सरकार से जल्द समाधान की अपेक्षा की है।