तीन सौ रुपये से भी कम होगी मास्क की कीमत

दिगंतिका बताती हैं कि ट्रायल के बाद जब यह मास्क बाजार में आएगा तो 300 रुपये से भी कम कीमत में लोग इसे खरीद पाएंगे। वह कहती हैं कि इंडिया इनोवेशन फाउंडेशन की प्रतियोगिता में उसने अपना प्रोजेक्ट भेजा तो वहां सराहना हुई और पुरस्कार भी मिला।

ये हैं मास्क की खूबियां

दिगंतिका ने बताया कि मैंने जो मास्क बनाया है, वह हमारे शरीर में धूल और वायरस का प्रवेश भी रोकेगा और वायरस को नष्ट भी करेगा। मास्क में तीन चैंबर हैं। पहले से धूल कण रुकेंगे। दूसरे व तीसरे चैंबर में विशेष रसायन भरा है। मास्क में एक छोटा सा निगेटिव आयन जेनरेटर लगा है।

मास्क में जाने से पहले हवा इसी हिस्से से होकर गुजरेगी, जहां धूलकणों को रोककर पतले पाइप के जरिये आगे मास्क के मुख्य हिस्से तक हवा पहुंचाने की व्यवस्था है। यहां मास्क में दो छोटे-छोटे चैंबर लगाए गए हैं, जिसमें रखे गए रसायन या साबुन और पानी के मिश्रण के संपर्क में आकर वायरस नष्ट हो जाएगा।

सांस लेते और छोड़ते समय हवा दोनों अलग-अलग चैंबरों से होकर ही गुजरेगी। सांस के जरिये हमारे फेफड़ों में पहुंचने से पहले हवा वायरस मुक्त हो चुकी होगी। अगर कोई कोरोना संक्रमित व्यक्ति इस मास्क को पहनता है तो अंदर से सांस के जरिये बाहर निकलने वाली हवा में मिश्रित वायरस दूसरे वाले चैंबर के तरल पदार्थ में जाकर नष्ट हो जाएगा। ऐसे में बाहर छोड़ी जाने वाली सांस भी वायरस रहित होगी, जिससे किसी अन्य व्यक्ति के संक्रमित होने का खतरा भी नहीं रहेगा।

राष्ट्रपति के हाथों भी पुरस्कृत

दिगंतिका का सपना भविष्य में विज्ञानी बनना है। जब वह कक्षा चार में थी तब स्कूल में साइंस प्रोजेक्ट के तहत मोबाइल की बैटरी को चार्ज करने का प्रोजेक्ट बनाया था। नौवीं कक्षा में उसने डस्ट कलेक्टिंग अटैचमेंट फार ड्रिल मशीन बनाई थी। इसके लिए उसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने डा. एपीजे अब्दुल कलाम इग्नाइट अवार्ड दिया था। कोरोना वायरस को मारने वाली वाटर गन भी बनाई। रीजनल साइंस सेंटर भोपाल ने इस इनोवेशन के लिए पिछले साल (वर्ष 2020 में) दिगंतिका को सम्मानित किया था।

कोरोना को मारने वाला मास्क बनाकर दिगंतिका ने विद्यालय का नाम रोशन किया है। कोरोना वारियर्स व संक्रमितों के लिए यह बहुत अहम हो सकता है। मैं दिगंतिका के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।

– सुब्रत चटर्जी, प्राचार्य, विद्यासागर मेमोरियल इंस्टीट्यूशन यूनिट दो, पूर्व बर्द्धमान

दिगंतिका के बनाए मास्क की जानकारी मिली है। छात्रा को किसी प्रयोग के लिए लैब की जरूरत होगी तो हम मदद करेंगे।

-प्रो. राजीव बनर्जी, प्राध्यापक, डा. बीसी राय इंजीनियरिंग कालेज, दुर्गापुर