फोरलेन पर चार साल से चुप वन मंत्री कांग्रेस पर फोड़ रहे नाकामी का ठीकरा : महाजन

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नूरपुर- देवांश राजपूत

फोरलेन परियोजना के प्रभावितों के लिए विपक्ष की ओर से आवाज उठाए जाने पर वन मंत्री राकेश पठानिया को राजनीति नजर आ रही है तो जिम्मेवार विपक्ष होने के नाते कांग्रेस इस मसले पर चुप नहीं बैठेगी। जिसमें चार हजार लोगों से सरेआम धक्का हो रहा हो। यह बात जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने राजा का बाग में पत्रकार वार्ता के दौरान कही। उन्‍होंने कहा वन मंत्री राकेश पठानिया पौने चार साल से इस ज्वलंत मुद्दे पर तो चुप्पी साधकर बैठे रहे और अब अपनी नाकामी को छुपाने के लिए इसका ठीकरा कांग्रेस पर फोड़कर अपनी लचर कारगुजारी को छुपाने की असफल कोशिश कर रहे हैं।

उन्‍होंने कहा कि वन मंत्री आरोप लगाने से पहले अपने गिरेवान में झांककर देखें कि पौने चार साल की लंबी अवधि के दौरान अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे नूरपुर क्षेत्र के हजारों प्रभावितों को झूठे आश्वासन क्यों देते रहे और किसी भी उचित प्लेटफार्म पर प्रभावितों की खातिर एक बार भी मुंह नहीं खोला, जबकि प्रभावित लोग और संघर्ष कर रही समितियों के प्रतिनिधि आपके पास अनेकों बार चक्कर काट आए।

महाजन ने कहा वन मंत्री पांच साल पूर्व में उनके विधायक कार्यकाल में परियोजना का प्रारूप बदलने का उल्लेख कर सवाल खड़े कर रहे हैं तो उस समय तो यह मात्र परियोजना की अभी सुगबुगाहट ही शुरू हुई थी, जबकि 2018 में फोरलेन की पहली नोटिफिकेशन जारी हुई। उसके बाद 2019 में शाहपुर में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री ने इसका शिलान्यास किया और फिर 2020 में मुआवजे संबंधी अवार्ड तय किए गए।

इस दौरान केंद्र और प्रदेश में भाजपा की तो सरकार थी और पठानिया बतौर नूरपुर से विधायक थे। इस दौरान लोगों की आवाज क्यों नही उठाई गई। महाजन ने कहा कि प्रभावित हो रहे दर्जनों कस्बों के लोग और संघर्ष समितियों के पदाधिकारी तत्कालीन  सांसद शांता कुमार से मिले थे और कंडवाल से बौड़ तक बाईपास बनाने का अहम सुझाव भी दिया गया था, जिससे न तो लोग विस्थापित होते और न ही लोगों का कारोबार उजड़ता। लेकिन इस बात पर भी बतौर विधायक राकेश पठानिया ने कोई संजीदगी नहीं दिखाई।

महाजन ने पठानिया से जानना चाहा कि फोरलेन योजना में जारी हुए अवार्ड में भूमि अधिग्रहण एक्ट 2013 के प्रावधानों को ताक पर रखकर प्रभावितों को 1956 के एक्ट के तहत नाममात्र मुआवजा थमा दिया गया। सरकार का अहम अंग होने के नाते पठानिया ने इस अन्याय के खिलाफ क्यों मुहं नहीं खोला, जबकि नूरपुर क्षेत्र के ही करीब चार हजार लोग प्रभावितों की संख्या में शामिल हैं। विपक्ष लोगों की आवाज उठाता रहा तो इसमें राजनीति कहां से आ गई।

महाजन ने कहा कि सरकार द्वारा फोरलेन योजना के लिए बनाई गई समिति एक माह के भीतर अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करे और प्रभावितों को फैक्टर दो के हिसाब से चार गुणा और भवनों का उचित मुआवजा देने का प्रावधान करवाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात और भाजपा ने अपने विजन डॉक्यूमेंट में जनता से यह वायदा किया था कि भूमि अधिग्रहण के चलते फैक्टर दो के हिसाब से चार गुणा मुआवजा दिया जाएगा। अजय महाजन ने दो टूक कहा वन मंत्री अपनी नाकामियों का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने से बाज आएं और प्रभावितों के पक्ष में आवाज बुलंद कर उनको न्याय दिलवाने में अपना राजधर्म निभाएं।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुदर्शन शर्मा, जिप सदस्य हरदीप सिंह दीपू, युकां अध्यक्ष सतवीर सिंह भी मौजूद रहे।

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