शिमला, जसपाल ठाकुर
रामपुर स्थित राज दरबार पदम पैलेस में सुबह नौ बजे वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह के सामने पर्दे में विक्रमादित्य सिंह का राजसी परंपरा के तहत राजतिलक हुआ और उन्हें राजगद्दी सौंपी गई।
विक्रमादित्य सिंह बुशहर रियासत के 123वें राजा बने हैं। बंद कमरे में राज पुरोहितों ने राजतिलक की परंपरा का अनुष्ठान करवाया।
इस दौरान पारंपरिक लोकवाद्य यंत्रों की ध्वनियों से राजा की रियासत गूंज उठी। दोपहर बाद अंतिम शवयात्रा निकलेगी।
उसके बाद वीरभद्र सिंह का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन होगा। रामपुर में जोबनी बाग में अंतिम संस्कार किया जाएगा। सुबह से ही हजारों की संख्या में लोगों के पहुंचने का क्रम जारी है।
शिमला, किन्नौर, मंडी, कुल्लू के अलावा प्रदेशभर से लोग अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे हैं। लोगों का भारी हुजूम उमड़ा है। वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार में दो राज्यों के मुख्यमंत्री और कई दिग्गज नेता शामिल होंगे।
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस नेता आंनद शर्मा भी पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा के अन्य नेता भी अंतिम संस्कार में शामिल होंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की शवयात्रा में 20 हजार से ज्यादा लोगों के शामिल होने का अनुमान है। इसके लिए प्रशासन और पुलिस ने पुख्ता बंदोबस्त कर लिए हैं। सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन ने विभिन्न कदम उठाए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का रामपुर के जोबनी बाग में शाही सम्मान के साथ दाह संस्कार किया जाएगा। इस श्मशान घाट में राज परिवार से संबंध रखने वाले राजा और रानियों के लिए विशेष स्थान है। यहां वर्षों पहले मृत्यु प्राप्त कर चुके राजा और रानियों के शिलालेख और चित्र आज भी मौजूद हैं।