जीवित हो गया इतिहास, प्रधानमंत्री ने किया अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय का उदघाटन

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हिमखबर डेस्क

पीएम मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया। पीएम मोदी सुबह ही नालंदा पहुंचे और विश्वविद्यालय की पुरानी धरोहर को करीब से देखा। इसके बाद पीएम मोदी ने नए कैंपस में एक पौधा लगाया और नए कैंपस का उद्घाटन किया।

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के कई देशों की विरासत से जुड़ी हुई है।पीएम मोदी ने कहा कि प्राचीन नालंदा में बच्चों का एडमिशन उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था। हर देश, हर वर्ग के युवा यहां आते थे।

नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से मजबूती देनी है। दुनिया के कई देशों से छात्र यहां आने लगे हैं। यहां 20 से ज्यादा देशों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। ये वसुधैव कुटुंबकम की भावना का कितना सुंदर प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं। उन्होंने कहा कि अपने तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही उन्हें नालंदा आने का मौका मिला। यह उनका सौभाग्य तो है ही, वह इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में भी देखते हैं।

उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय का यह नया परिसर विश्व को भारत के सामथ्र्य का परिचय देगा। यह बताएगा कि जो राष्ट्र, मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं, वो राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नालंदा केवल एक नाम नहीं है।

उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था। शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है। शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है। मुझे ये देख कर खुशी है कि दुनिया के कई देशों से आज यहां कई विद्यार्थी आने लगे हैं।”

पीएम मोदी ने बिहार की जनता को बधाई देते हुए कहा कि बिहार अपने गौरव को वापस लाने के लिए जिस तरह विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है, नालंदा का ये परिसर उसी की एक प्रेरणा है।

बता दें कि नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस में कुल 24 बड़ी इमारते हैं। परिसर में 40 कक्षाओं वाले दो शैक्षणिक ब्लॉक हैं, जिनकी कुल बैठने की क्षमता लगभग 1900 है। इसमें 300 सीटों की क्षमता वाले दो सभागार हैं। इसमें लगभग 550 छात्रों की क्षमता वाला एक छात्रावास है। विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय केंद्र 2000 व्यक्तियों तक की क्षमता वाला एम्फीथिएटर, फैकल्टी क्लब और खेल परिसर सहित कई अन्य सुविधाएं भी हैं। यह कैंपस एक ‘नेट जीरो’ ग्रीन कैंपस है।

गौरतलब है कि नालंदा के नए कैंपस का शिलान्यास 19 सितंबर 20214 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया था। अब पीएम मोदी ने 9 साल बाद दुनिया से सबसे बड़े ‘जीरो नेट कैंपस’ को देश के लोगों को समर्पित कर दिया है। कैंपस का निर्माण 455 एकड़ के क्षेत्र में 1749 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है।

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