ऊना-अमित शर्मा
निजी बैंक में खुलवाए गए खाते के साथ करवाई गई बीमा पालिसी का क्लेम पास न होने पर फर्जी लोकायुक्त के झांसे में फंस कर उपमंडल गगरेट के मवा कहोलां के एक व्यक्ति को 23 लाख रुपए का चूना लग गया। न तो क्लेम की राशि मिली और न ही 23 लाख रुपए वापस मिल पाए।
इस पर अब उक्त व्यक्ति ने न्यायालय के माध्यम से धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवा न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। मवा कहोलां के एक व्यक्ति ने वर्ष 2015 में एक निजी बैंक की अंब शाखा में अपना खाता खुलवाया। इस दौरान वह किसी कार्य के लिए पंचकूला गया और वहां उसी निजी बैंक की शाखा में चला गया।
वहां के ब्रांच मैनेजर ने उसे बताया कि अगर वह अपने खाते के साथ बीमा पालिसी लेता है, तो इसमें उसका हैल्थ रिस्क भी कवर होगा और किसी भी बीमारी का उपचार करवाने पर उसे बीमा पालिसी से क्लेम मिल सकता है। इसी बीच उक्त व्यक्ति बीमार हुआ तो उसने चंडीगढ़ स्थित सेक्टर-32 के मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में अपना उपचार करवाया। इसके बाद जब उसने निजी बैंक की शाखा में अपने अस्पताल के बिलों के साथ संपर्क किया तो उसे बताया गया कि उनकी शाखा सरकारी अस्पताल नहीं बल्कि निजी अस्पतालों के क्लेम ही सेटल करती है।
इसी बीच उसे एक शख्स मिला जिसने बताया कि कि वह बीमा कंपनियों का लोकायुक्त है और ऐसे क्लेम के झगड़े सेटल करवा सकता है। वह उसकी बातों में आ गया और क्लेम सेटल करवाने के चक्कर में खुद को लोकायुक्त बताने वाला उसे करीब 23 लाख रुपए की चपत लगा गया। डीएसपी मनोज जम्वाल ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।