हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस कर्मियों की प्रमोशन से जुड़ी बी-I परीक्षा के आयोजन पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने इस बारे में अंतरिम आदेश पारित करते हुए यह स्पष्ट किया है कि दिए गए आधारों को देखते हुए अंतरिम राहत प्रदान करने का मामला बनता है।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता गण प्रथम दृष्टया यह सिद्ध करने में सक्षम रहे हैं कि यदि प्रतिवादियों को बी-I परीक्षण, जो अब सात साल के अंतराल के बाद 9 नवंबर के लिए निर्धारित है, उसके साथ आगे बढ़ने की अनुमति दी जाती है, तो उन्हें बहुत नुकसान होगा।
एकल पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का यह तर्क उचित प्रतीत होता है कि परसों यानी नौ नवम्बर को आयोजित होने वाली बी-I परीक्षा उनके (सामान्य ड्यूटी पुलिस अधिकारियों) हितों की रक्षा के लिए व्यावहारिक नहीं हो सकती है, क्योंकि यह वार्षिक रूप से आयोजित नहीं की जाती थी, बल्कि 7 वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित की जा रही है।
ऐसे में यह उन लोगों के लिए हानिकारक होगी जो 07 वर्ष पहले इसके पात्र थे। इसमें 24X7 ड्यूटी पर तैनात ऐसे अधिकारियों को नए प्रवेशकों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी होगी। इसके अलावा, हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति के अवसर प्रदान करने के याचिकाकर्ताओं के तर्क को, उजागर की गई सामग्री के मद्देनजर बी-I परीक्षा की अनदेखी करते हुए इस स्तर पर खारिज नहीं किया जा सकता है।
दिए गए तथ्यों और परिस्थितियों में, हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति के लिए बी-I परीक्षा आयोजित करना, इसकी प्रासंगिकता और आवश्यकता पर, याचिकाकर्ता द्वारा दिए गए आधारों के आलोक में विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है।
एकल पीठ ने ये देखते हुए प्रतिवादियों को निर्देश दिया है कि वे अगली सुनवाई की तारीख तक बी-I परीक्षण, जो 09.11.2025 को निर्धारित है, पर आगे न बढ़ें। आवेदन का उत्तर दस दिनों के भीतर प्रस्तुत किया जाए। मामले पर सुनवाई 19 नवंबर के लिए निर्धारित की गई है।

