ज्वाली – व्यूरो रिपोर्ट
उपमंडल ज्वाली के अधीन एक सरकारी स्कूल के स्टाफ की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण छात्रा का भविष्य अधर में लटक गया है। हुआ यूं कि एक छात्रा ने सीबीएसई बोर्ड में दसवीं की परीक्षा दी लेकिन उसकी कंपार्टमेंट आ गई। उसके बाद छात्रा के अभिभावकों ने सरकारी स्कूल में जमा एक में दाखिला करवा दिया। छात्रा की कंपार्टमेंट के चलते स्कूल में उसकी प्रोविजनल एडमिशन कर ली गई।
छात्रा ने कंपार्टमेंट की परीक्षा दी लेकिन पास न कर सकी परन्तु स्कूल प्रबंधन की अनदेखी ने छात्रा का जमा एक का परीक्षा परिणाम रोकने की बजाए परीक्षा परिणाम में छात्रा को पास करके जमा दो में फिर दाखिला दे दिया गया। छात्रा जमा दो में स्कूल जाती रही लेकिन अब जमा दो पेपर भरते समय स्टाफ ने छात्रा को दसवीं कक्षा की मार्कशीट में पास न होने पर दसवीं कक्षा के लिए वापिस भेज दिया।
इससे छात्रा तनाव में हो गई। हालांकि नियमानुसार जमा एक का परीक्षा परिणाम निकालने से पहले छात्रा की दसवीं कक्षा की मार्कशीट देखनी चाहिए थी। अगर ऐसा किया होता तो छात्रा के तीन साल बर्बाद न हो पाते। हर कोई स्कूल की इस सुस्त कार्यप्रणाली को देखकर स्तब्ध है तथा इसके लिए स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर व शिक्षा निदेशक अमरजीत सिंह से उठाई है।
प्रिंसिपल के बोल
इस बारे में स्कूल प्रिंसिपल ने कहा कि उपरोक्त छात्रा का विद्यालय प्रवेश अस्थायी तौर पर है। अभिभावकों को इसके मूल दस्तावेज उपलब्ध करवाने को कहा था जिस पर अभिभावकों द्वारा जो दस्तावेज उपलब्ध करवाया गया, उस पर टेंपरिंग पाई गई है, अतः स्कूल प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। छात्रा को दसवीं के लिए रिवर्स कर दिया है।