हिमाचल की पंचायतों में सामने नहीं आ रहे गड़बड़झाले, विधानसभा की कमेटी ने उजागर किया मामला

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शिमला – नितिश पठानियां

हिमाचल प्रदेश विधानसभा की स्थानीय निधि लेखा समिति ने प्रदेश की पंचायतों में निरीक्षण न होने पर कड़ी टिप्पणी की है। पंचायतीराज विभाग के उपमंडल स्तर पर तैनात पंचायत निरीक्षकों और उप निरीक्षकों को उनके मूल कार्य के स्थान पर अन्य कामों में उलझा दिया गया है, जिससे पंचायत स्तर पर निरीक्षण का काम प्रभावित हो रहा है और गड़बड़झाले समय पर सामने नहीं आ रहे।

इतना ही नहीं पंचायत निरीक्षकों और उप निरीक्षकों को पंचायतों में निरीक्षण को लेकर दिए गए लक्ष्य भी पूरे नहीं हो पा रहे। सचिव पंचायतीराज विभाग की ओर से प्रदेश के सभी उपायुक्तों, अतिरिक्त उपायुक्तों को जारी पत्र संख्या पीसीएच-एचए/1/2023-1/464129/2024 में पंचायत निरीक्षकों और उप निरीक्षकों को मासिक और वार्षिक लक्ष्य सौ फीसदी पूरे करने के निर्देश दिए हैं।

स्थानीय निधि लेखा समिति ने जिला पंचायत अधिकारियों को पंचायत निरीक्षकों और उप निरीक्षकों को मासिक और वार्षिक निरीक्षण लक्ष्य सूची जारी करने के निर्देश दिए हैं। जिला पंचायत अधिकारियों को पंचायत निरीक्षकों और उप निरीक्षकों के साथ नियमित बैठकें करने और लक्ष्य पूरा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा है कि जिला उपायुक्तों और अतिरिक्त जिला उपायुक्तों की अध्यक्षता में होने वाली जिला स्तरीय मासिक समीक्षा बैठकों में खंड विकास अधिकारी स्तर पर दिए गए लक्ष्यों की समीक्षा की जाए। सभी निरीक्षण अधिकारी लिखित निरीक्षण रिपोर्ट तैयार करें और इसे औपचारिक रूप से अवलोकन के लिए खंड विकास अधिकारी को प्रेषित करें।

यदि निरीक्षण रिपोर्ट में कोई खामी पाई जाती है तो खंड विकास अधिकारी दोषियों के खिलाफ पंचायती राज एक्ट के तहत कार्रवाई कंरे। यदि खंड विकास अधिकारी लिखित रिपोर्ट में दर्शाई गई खामियों पर कार्रवाई न करें तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए।

राजेश शर्मा सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के बोल 

विधानसभा की समिति के निर्देशों पर पंचायतीराज विभाग के सक्षम अधिकारियों को पंचायतों में निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं ताकि नियमों के अनुसार कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और अनियमितताएं न हों।

राघव शर्मा, निदेशक, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के बोल

पंचायत निरीक्षकों और उप पंचायत निरीक्षकों को पंचायतों में निरीक्षण के मासिक और वार्षिक लक्ष्य देने की पहले से व्यवस्था है। हर पंचायत में महीने में एक बार निरीक्षण अवश्य किया जाए यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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