हिमखबर डेस्क
हिमाचल प्रदेश में बनी 22 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। हिमाचल समेत देश में निर्मित 52 दवाएं मानकों पर खरा नहीं उतरी हैं। पांवटा साहिब की दवा कंपनी जी लेबोरेटरी के तीन और झाड़माजरी के डेक्सीन फार्मा के दो सैंपल एक साथ फेल हुए हैं।
ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि फेल होने वाली दवा उद्योगों को नोटिस जारी किए जाएंगे। बाजार से स्टॉक को वापस मंगवाया जाएगा। मई के ड्रग अलर्ट में यह सैंपल फेल हुए हैं। हिमाचल में दवा के सैंपल लेने का अनुपात अन्य राज्यों से 90 फीसदी अधिक है। केंद्रीय औषधि नियंत्रण संगठन ने मई में देशभर में दवाओं के सैंपल लिए।
इसमें देश में 52 दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई गई। सिरमौर के पांच, ऊना का एक और 16 सैंपल सोलन जिले के फेल हुए हैं। इसमें गले का इंफेक्शन, उच्च रक्तचाप, कैंसर, दर्द, जीवाणु संक्रमण, अल्सर, खांसी, एलर्जी, वायरस संक्रमण, एसिडिटी, खुजली और बुखार की दवा के सैंपल सही नहीं पाए गए हैं।
इन दवाओं के सैंपल हुए हैं फेल
- बरोटीवाला के झाड़माजरी के स्काटाडलि कंपनी की बीपी की मेट्रोप्रोजल, झाड़माजरी डेक्सीन फार्मा की गले के इंफेक्शन की सेफुरोक्साइम और संक्रमण की दवा सेफिक्सिम के सैंपल बुरी तरह फेल हो गए हैं।
- बद्दी की विंगस बायोटेक की कैंसर की दवा प्रेडनिसोलोल,
- ऊना के टाहलीवाल स्थित न्यूरो पैथिक की अल्फा लिपोईक एसिड,
- लोदी माजरा की नवकार कंपनी की उच्च रक्तचाप की दवा के सैंपल भी मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं।
- पांवटा साहिब के पेस बायोटक कंपनी की जीवाणु संक्रमण,
- बद्दी के बायो एटलस फार्मा की बीपी की दवा टेलमीसार्टन,
- बद्दी की हिल्लर लैब की अल्सर की दवा पेंटा प्रोजोल,
- बरोटीवाला की डब्लयूपीबी फार्मा की खांसी की दवा लेवोसाल,
- पांवटा की जी लेबोरेटरी की एलर्जी की दवा डेक्सामेथासोन इंजेक्शन,
- बद्दी के गल्फा लेबोट्री की दर्द की दवा डेक्लोफेनाक के सैंपल फेल हुए हैं।
- विज्ञापनकाठा स्थित एलियन बायोटेक कंपनी की एलर्जी की मोंटीलुकास्ट,
- पांवटा की जी लेबोरेटरी की बैक्टीरिया की सेफ्ट्रिएक्सोन,
- बरोटीवाला की फार्मा रूट्स हेल्थ केयर की उच्च रक्तचाप की दवा रेमीजोल,
- झाड़माजरी की केप टेप कंपनी की बैक्टीरिया की दवा सेफ्ट्रिएक्सोन,
- पांवटा साहिब की जी लेबोरेटरी की नेत्र संक्रमण की जेटामाईसीन के सैंपल फेल हो गए हैं।
- कालाअंब की इंटीग्रेटेड कंपनी की वायरस संक्रमण की दवा सेक्ट्राई एक्सन,
- बद्दी की विंग्स नोविटास हेल्थकेयर कंपनी की इंफेक्शन की दवा मोक्सीटेस,
- बद्दी के एलवी लाइफ साइंस की एसिडिटी की दवा रेबोप्रोजोल,
- नालागढ़ के मझोली की रेकिन केयर लाइफ कंपनी की दर्द और बुखार की दवा लेबोटेज के सैंपल भी मानकों से दूर पाए गए हैं।
- सोलन को बड़ोग के रोमा फार्मा की दर्द और बुखार की दवा एसिक्लोफेनाक दवा के सैंपल मानकों पर खरा नहीं उतरे हैं।