सिहुंता – अनिल संबियाल
स्वास्थ्य खंड समोट के अंतर्गत आते सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बाथरी में लोगों को आज तक एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध नहीं पाईं हैं। इस कारण स्वास्थ्य केंद्र बाथरी के अधीन आने वाली करीब एक दर्जन पंचायतों की 15,000 से अधिक आबादी को एंबुलेंस सेवा नसीब नहीं हो रही है।
स्वास्थ्य खंड समोट के अधीन आते सर्वप्रथम बाथरी में पीएचसी को अपग्रेड करके सीएचसी बनाया गया था। बाथरी में सीएचसी बने 15 साल होने के बाद भी बाथरी स्वास्थ्य केंद्र को 108 और 102 एंबुलेंस सेवा का लाभ तक नहीं मिल पाया है।
लोगों का कहना है कि भरमौर-पठानकोट हाईवे पर चौहड़ा, भलेई सड़क पर किसी भी प्रकार की वाहन दुर्घटना होती है या आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होने पर घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए बाथरी सीएचसी में ही पहुंचाया जाता है।
सीएचसी में 40 बिस्तरों की व्यवस्था होने और रोजाना 200 के करीब ओपीडी रहने के बाद भी मरीजों को एंबुलेंस सेवा का लाभ न मिल पाना उनकी जेबों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है।
ग्रामीण ओम प्रकाश, सुरजीत सिंह, रवि कुमार, सोनू ठाकुर, नवीन बेरी, जगदीश कुमार, रोशन लाल, प्यार चंद, होशियारा राम, रमन कुमार और जोगिंद्र सिंह ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाथरी को गर्भवती महिलाओं के लिए डिलीवरी प्वाइंट बनाया गया है।
साथ ही यहां पर 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही है। बावजूद इसके एंबुलेंस सेवा का अभाव चिंता का विषय बना हुआ है। स्वास्थ्य खंड बाथरी में हर माह एक दर्जन से अधिक प्रसव होते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से मिलने वाली 102 एंबुलेंस सेवा भी जच्चा-बच्चा को नहीं मिल पाती है।
ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग से मांग उठाई है कि बाथरी स्वास्थ्य केंद्र में एंबुलेंस सुविधा मरीजों के लिए प्रदान करवाई जाए। जिससे दर्जनों पंचायतों के लोगों को एंबुलेंस सेवा का लाभ मिल सके।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कपिल शर्मा के बोल
उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कपिल शर्मा ने बताया कि बनीखेत पीएचसी से एंबुलेंस को सीएचसी बाथरी भेजा जाता है।