सिरमौर – नरेश कुमार राधे
हिमाचल प्रदेश के संगड़ाह उपमंडल की पालर पंचायत के पोइला गांव में शुक्रवार को एक दिल पसीज देने वाला मंजर सामने आया। हालांकि, सब कुछ कानून के तहत ही हो रहा था, लेकिन वहां मौजूद हरेक शख्स के जहन में एक ही सवाल था, आखिर क्यों एक नवजात शिशु को कब्र में भी चैन नहीं मिला।
वैसे तो पहाड़ी प्रदेश में कब्र से शव निकालने की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं, मगर संभव है कि महज दो महीने के बच्चे के शव को कब्र से निकालने की यह पहली ही घटना होगी।
चंद रोज पहले कब्र में दफनाए गए शिशु का शव कब्र से निकाल लिया गया। दोपहर 3 बजे तक पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया के तहत नायब तहसीलदार संगड़ाह व पंचायत प्रधान की मौजूदगी में शव को कब्र से निकाला।
इस दौरान नवजात शिशु का पिता व नाना भी मौजूद थे। तमाम औपचारिकताओं के बाद शव को पहले संगड़ाह पहुंचाया गया, इसके बाद नाहन मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
नवजात शिशु के शव का पोस्टमार्टम शनिवार को चिकित्सकों की टीम की मौजूदगी में होगा। हालांकि, स्पष्ट नहीं है, लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान वीडियोग्राफी भी की जा सकती है।
सोलन के ओच्छघाट के रहने वाले नवजात शिशु के पिता देवेंद्र कुमार ने शिशु की मौत पर संशय जाहिर किया था। इसके बाद ही पुलिस ने संगड़ाह के एसडीएम को शव को कब्र से निकालने की अनुमति मांगी। अनुमति से जुड़ी औपरचारिकताओं को पुलिस ने वीरवार शाम तक पूरा कर लिया था।
पति से अनबन के बाद पालर पंचायत की रहने वाली पूनम वापस मायके लौट आई थी। पुलिस की टीम तकरीबन अढ़ाई किलोमीटर पैदल चलकर उस जगह तक पहुंची, जहां नवजात शिशु मानस को दफनाया गया था।
हालांकि, स्थानीय ग्रामीण इस बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि नवजात की मौत के पीछे कोई फाउल प्ले है, लेकिन पुलिस को कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई अमल में लानी पड़ रही है।
डीएसपी मुकेश कुमार के बोल
संगड़ाह के डीएसपी मुकेश कुमार ने कहा कि शव को कब्र से निकालने के बाद नाहन मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है। शनिवार को पोस्टमार्टम किया जाएगा।
बहरहाल, चूंकि ये मामला समूचे इलाके में खासी चर्चा में है, लिहाजा नजरें शव के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट पर टिक गई हैं। हर कोई इस बात के सवाल का जवाब भी जानना चाहता है कि वास्तव में शिशु की मौत की असल वजह क्या थी।

