शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मादक पदार्थ रखने के जुर्म में 10 साल की सजा भुगत रहे दोषी को बरी कर दिया है। अदालत ने दोषी को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने यशपाल उर्फ सोनू की अपील को स्वीकार करते हुए यह निर्णय सुनाया।
विचारण अदालत ने यशपाल को 217 किलो चूरापोस्त के मामले में दोषी ठहराया था। इस जुर्म के लिए विचारण अदालत ने उसे 10 साल की कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस निर्णय के खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट के समक्ष अपील दायर की थी।
हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पाया कि निचली अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष अभियोग साबित करने में नाकाम रहा है। 4 दिसंबर 2017 को पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी ने गोशाला में चूरापोस्त रखा है।
पुलिस ने आरोपी की गोशाला की तलाशी ली तो 217 किलो चूरापोस्त बरामद हुआ। हाईकोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष निचली अदालत में चूरापोस्त के सैंपल पेश करने में नाकाम रहा है। अदालत ने कहा कि आरोपी को तब तक दोषी नहीं ठहराया जा सकता है जब तक उसके खिलाफ पुख्ता सुबूत न हों। अदालत ने निचली अदालत के निर्णय को निरस्त करते हुए आरोपी की अपील को स्वीकार कर लिया।