हिमाचल दिवस 2025: केंद्रशासित प्रदेश से राज्य तक, बड़ी रोचक है हिमाचल के बनने की कहानी, ऐसा रहा 77 साल का सफर

--Advertisement--

ये है विशेषताएं – हिमाचल में कुल हैं 12 जिले, प्रदेश में 68 विधानसभा सीटें, यहां पर है सबसे ऊंचा क्रिकेट मैदान।

हिमखबर डेस्क

प्रत्येक साल 15 अप्रैल को हिमाचल दिवस मनाया जाता है। इस दिन को यहां के लोग पर्व की तरह मनाते हैं और राज्य के रीति-रिवाजों, कलाओं, भोजन इत्यादि के सम्मान के लिए कार्यक्रम करते हैं।

धर्मशाला, कसौली, लाहौल- स्पीति, शिमला, मनाली और कुल्लू पर्यटनों के बीच खूब फेमस हैं। खास बात है कि राज्य में 350 से अधिक पशुओं और 450 पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं।

इस तरह हिमाचल जैव-विविधता को भी प्रदर्शित करता है। देखें तो हिमाचल दो शब्दों से मिलकर बना है। हिम यानी बर्फ और आंचल यानी गोद। संस्कृत के इन दोनों शब्दों को अगर साथ जोड़ा जाए तो बनता है- हिमाचल। हिमाचल दिवस के मौके पर आइए, प्रदेश से जुड़ी कुछ रोचक बातें जानते हैं।

हिमाचल से जुड़ी कुछ अनोखी बातें

  • हिमाचल प्रदेश का चैल क्रिकेट ग्राउंड दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट मैदान है। (इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 8018 फीट है।)
  • हिमाचल दशकों बाद 1971 में भारत का 18वां राज्य बना था।
  • हिमाचल हिमालय की गोद में है, जो पहाड़ियों और घाटियों से घिरा है।
  • हिमाचल प्रदेश का इतिहास चौथी शताब्दी में ईसा पूर्व से मौर्य काल के दौरान प्रलेखित किया गया है।
  • हिमाचल प्रदेश में बर्फ से ढकी हुई कई पहाड़ियां हैं, जिनमें जास्कर, पीर पंजाल और धौलाधार शामिल हैं।
  • यहां हिंदी के अलावा कई क्षेत्रीय बोलियां भी हैं, जिनमें महासू, पहाड़ी, मंडेली, कांगड़ी, कुल्लू, बिलासपुरी और किन्नौरी शामिल हैं।
  • हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था के मुख्य स्तंभ एग्रीकल्चर और टूरिज्म हैं।
  • हिमाचल में 4 संसदीय सीट हैं और 68 विधानसभा सीटें हैं।
  • हिमाचल में कुल 12 जिले हैं।

कैसा रहा हिमाचल का सफर?

  • 15 अप्रैल, 1948 को छोटी रियासतों से मिलकर बना हिमाचल।
  • 26 जनवरी, 1950 में सी श्रेणी में बना राज्य।
  • 1 नवंबर, 1965 में केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा मिला।
  • 24 जनवरी, 1971 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला।

हिमाचल की 3 बड़ी चुनौतियां

1. आर्थिक स्थिति

हिमाचल को मौजूदा समय में गंभीर आर्थिक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। राज्य पर कर्ज का बोझ 97 लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, ऋण अदायगी और बयाज अदायगी के लिए प्रतिमाह 2800 करोड़ रुपये की जरूरत रहती है। सरकार के पास राजस्व के सीमित संसाधन है। ऐसे में आर्थिक चुनौतियों से पार पाना सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है। प्रदेश सरकार को अपने संसधान ढ़ाने होंगे।

2.प्राकृतिक आपदा

प्राकृतिक आपदा हिमाचल पिछले दो वर्ष से लगातार बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है। हिमाचल के समक्ष यह भी बड़ा संकट और चुनौती है। इस से कैसे पार पाया जाए यह चुनौती हिमाचल के समक्ष है। प्राकृतिक आपदा में हिमाचल को दो सालों में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। सरकार को इस के लिए एक विस्तृत योजना तैयार करनी होगी, ताकि इसका सामना करने के लिए सक्षम हो ।

3. बेरोजगारी

पिछले कुछ साल से इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। 70 लाख की आबादी वाले हिमाचल में 6.32 लाख बेरोजगार हैं। प्रदेश के सरकारी विभागों, बोर्ड व निगमों में रिक्त पद भी है। लेकिन, इन पदों को नहीं भरा जा रहा है। इस चुनौती से पार पाने के लिए स्वरोजगार मुहैया करवाने की दिशा में कार्य करना होगा।

--Advertisement--
--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

लावारिस बच्चे के परिजन नहीं आए तो शुरू होगी दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया

हिमखबर डेस्क  जिला बाल संरक्षण अधिकारी तिलक राज आचार्य ने...

चंडीगढ़ में नौकरी कर रहे हिमाचल के युवक की दर्दनाक मौत, गांव में पसरा मातम

हिमखबर डेस्क  हमीरपुर जिले के सुजानपुर स्थित ग्राम पंचायत बनाल...