हिमाचल में वर्षों से बीपीएल में शामिल परिवार होंगे बाहर, बीपीएल परिवारों की समीक्षा को लेकर होंगी ग्रामसभाएं, ग्रामसभा को बीपीएल से नाम हटाने और शामिल करवाने का अधिकार
शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल में अब वर्षों से गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) की सूची में शामिल परिवार बाहर होंगे। नवंबर में पंचायतों में होने वाली ग्रामसभा की बैठक में बीपीएल परिवारों की समीक्षा होगी।
इसमें 15 से 20 वर्ष से सूची में शामिल परिवारों के नाम हटाने पर भी चर्चा होगी। बीपीएल सूची में परिवारों को शामिल और बाहर करने का अधिकार ग्रामसभा को है। अब भी संपन्न और सरकारी नौकरी में तैनात कई लोग बीपीएल सूची में बने हुए हैं।
नवंबर में बीपीएल परिवारों की होगी समीक्षा
प्रदेश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव बाद पंचायत उपचुनाव के कारण आदर्श चुनाव आचार संहिता के लागू होने से अप्रैल में होने वाली ग्रामसभा की बैठकें नहीं हो सकी थीं। यही कारण है कि अब नवंबर में ग्रामसभा की बैठकों में बीपीएल परिवारों की समीक्षा होगी।
ग्रामसभा की बैठकें प्रदेश की 3615 पंचायतों में अलग-अलग समय में होंगी। जो पंचायतें बीपीएल मुक्त हो चुकी हैं, उनमें यदि गरीब परिवार हैं, तो उनके नाम शामिल करने पर चर्चा होगी।
बीपीएल सूची में शामिल और नए परिवारों को लिखित में गरीब होने का शपथपत्र देना का प्रविधान है। बीपीएल परिवारों के चयन पर लगातार प्रश्न उठते रहे हैं। प्रधानों और पदाधिकारियों पर चहेतों को शामिल करने के आरोप लगते रहे हैं।
38 पंचायतें बीपीएल मुक्त
प्रदेश में 38 पंचायतें बीपीएल मुक्त हैं। यानी वहां कोई गरीब परिवार नहीं है। केंद्र ने हिमाचल के लिए बीपीएल कोटे के लिए 2,82,370 परिवारों का कोटा निर्धारित किया है। वर्तमान में 2.60 लाख बीपीएल परिवार हैं।
वहीं, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने इसको लेकर कहा कि पंचायतों में बीपीएल सूची की समीक्षा अब तक नहीं हो सकी थी। हर बार अप्रैल में होने वाली ग्रामसभा की बैठक में पात्र लोगों के चयन और अपात्र के नाम ग्रामसभा की मंजूरी से हटाए जाते हैं।
बीपीएल सूची में चयन के मानक
- परिवार की मासिक आय 2500 रुपये से अधिक न हो।
- दो हेक्टेयर से अधिक असिंचित व एक हेक्टेयर से अधिक सिंचित भूमि नहीं हो।
- परिवार का शहरी किस्म का पक्का व बड़ा मकान नहीं होना चाहिए।
- परिवार के नाम पर चौपहिया वाहन जैसे कार, जीप, ट्रैक्टर, ट्रक व बस नहीं हो।
- परिवार का सदस्य सरकारी अथवा गैर सरकारी नौकरी में नहीं हो।
- बीपीएल व गरीबी उत्थान की योजना का लाभ न लिया हो।
- टीवी जैसी विलासिता की वस्तुओं के अंक भी शामिल होते हैं।