स्थापना के चार साल बीत जाने के बाद भी देहरा के राजकीय महाविद्यालय को अपना भवन नहीं मिल पा रहा है। भवन निर्माण के लिए 70 कनाल जमीन अलाट है। सरकार फंड भी काफी पहले जारी कर चुकी है।
देहरा- आशीष कुमार
स्थापना के चार साल बीत जाने के बाद भी देहरा के राजकीय महाविद्यालय को अपना भवन नहीं मिल पा रहा है। भवन निर्माण के लिए 70 कनाल जमीन अलाट है। सरकार फंड भी काफी पहले जारी कर चुकी है। कालेज प्रशासन अपनी तरफ से सभी औपचारिकताएं पूरी कर वन विभाग को भेज चुका है, लेकिन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने की वजह से भवन निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है।
वन विभाग का कहना है कि अभी कालेज भवन के लिए ले आउट प्लान नहीं मिल पाया है। इसके मिलने के बाद ही भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। जबकि कालेज प्रशासन का दावा है कि इससे जुड़े संभी दस्तावेज सौंपे जा चुुके हैं। देहरा में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह घोषणा के बाद 2017 में यहां कालेज की स्थापना की गई थी।
इसके बाद इसे लड़कों के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में अस्थायी रूप से शुरू कर दिया गया। तब से अब तक इसका संचालन स्कूल के छह कमरों में किया जा रहा है। जबकि कालेज के अपने भवन के लिए प्रदेश सरकार की ओर से पांच करोड़ रुपये स्वीकृत हैं। फंड की पहली किस्त के रूप में करीब 61 लाख रुपये लोक निर्माण विभाग को मिल भी चुके हैं।
देहरा के डीएफओ सन्नी वर्मा का कहना है कि कालेज के लिए तय 70 कनाल भूमि पर 232 पेड़ हैं। इतनी बड़ी संख्या में पेड़ नहीं काटे जा सकते। भवन निर्माण का ले आउट प्लान मिलने के बाद ही यहां काटे जाने वाले पेड़ों की निशानदेही हो पाएगी। विभाग की कोशिश पेड़ों को कम से कम नुकसान पहुंचाने की रहती है। प्रक्रिया जारी है। औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। जल्द ही भूमि शिक्षा विभाग को ट्रांसफर कर दी जाएगी।