व्यूरो रिपोर्ट
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया के पास शनिवार रात आतंकियों द्वारा दो ड्रोन से गिराए गए विस्फोटकों से एक इमरात क्षतिग्रस्त हो गई, जबकि एयरफोर्स के दो जवानों को हल्की चोटें आई हैं।
यह पहला मौका है, जब देश की सेना को ड्रोन के जरिए निशाना बनाया गया है। इन दो धमाकों की आवाज काफी दूर तक सुनाई दी। पहला धमाका शनिवार रात 1.37 बजे और दूसरा धमाका ठीक पांच मिनट बाद 1.42 बजे हुआ। जहां यह घटना हुई है, उसी कैंपस में जम्मू का मुख्य एयरपोर्ट भी आता है।
पहला ब्लास्ट परिसर की बिल्डिंग की छत पर और दूसरा खुले क्षेत्र में हुआ। विस्फोट करने के लिए दो ड्रोन इस्तेमाल किए गए थे। हमलावरों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन आशंका है कि विस्फोट वाले इलाके में खड़े एयरक्राफ्ट उनके निशाने पर थे।
देश में पहली बार ड्रोन से किए गए इस आतंकी हमले के बाद अंबाला, पठानकोट और अवंतीपुरा बेस हाई अलर्ट पर रखे गए हैं। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने घटना को आतंकी हमला करार देते हुए कहा कि यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
एनआईए और एनएसजी की टीमें भी जांच को पहुंच गई हैं। ऐसा पहली बार है, जब किसी आतंकी हमले में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है। दिलबाग सिंह ने बताया कि जम्मू एयरफील्ड पर हुए दोनों धमाकों में पेलोड के साथ ड्रोन के इस्तेमाल से विस्फोटक सामग्री गिराने की आशंका है।
उधर, जम्मू पुलिस ने शहर के नरवाल इलाके में 5.6 किलोग्राम आईईडी के साथ दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। यह आईईडी लश्कर-ए-तोएबा के ऑपरेटिव द्वारा प्राप्त किया गया था और इसे किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर लगाया जाना था। उन्होंने कहा कि इस रिकवरी से बड़ा आतंकी हमला टल गया है। इस नाकाम आईईडी विस्फोट के मामले में और भी संदिग्धों के पकड़े जाने की संभावना है।
रक्षा मंत्री ने ली हालात की जानकारी
रविवार को ही लद्दाख के तीन दिवसीस दौरे पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू के वायु सेना स्टेशन पर हुई घटना के संबंध में वाइस एयर चीफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा से हालात की जानकारी की। रक्षा मंत्री कार्यालय के मुताबिक, एयर मार्शल विक्रम सिंह स्थिति का जायजा लेने जम्मू पहुंच रहे हैं।
जम्मू एयरबेस पर हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान-चीन का कनेक्शन!
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ड्रोन एयरबेस के पास से ही उड़ाए गए थे। माना जा रहा है कि ड्रोन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से लाए गए थे। पिछले साल ही पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने चीन से कुछ ड्रोन्स खरीदे थे। ये ड्रोन 20 किलो तक का पेलोड उठाने और 25 किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम थे। इनकी खास बात ये भी थी कि इनसे एक टारगेट तय कर उस पर आईईडी गिराया जा सकता था। अगर यह अनुमान सही पाया गया तो आने वाले समय में सुरक्षा एजेंसियों की मुश्किलें बढ़ना लाजिमी है।
पठानकोट में अलर्ट, कमांडो तैनात
जम्मू हवाई अड्डे के अत्यधिक सुरक्षा वाले वायु सेना स्टेशन पर ड्रोन से आतंकी हमले के बाद पंजाब के सीमावर्ती जिला पठानकोट में अलर्ट जारी कर दिया है। पांच साल पहले पठानकोट वायु सेना बेस पर भी आतंकी हमला हुआ था।
पठानकोट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र लांबा ने बताया कि हम स्थिति को देखते हुए निगरानी कर रहे हैं। जब भी इस तरह की कोई घटना होती है, तो आसपास के इलाकों को सबसे ज्यादा अलर्ट कर दिया जाता है। हम अंतरराज्यीय सीमा से आवाजाही पर सघन जांच कर रहे हैं। हमने वहां भी अतिरिक्त बल तैनात किए हैं।
महत्त्वपूर्ण स्थानों पर पंजाब पुलिस की स्वाट टीम और विशेष कमांडो की तैनाती की गई है। जम्मू की ओर जाने वाले और जम्मू-कश्मीर की ओर से पठानकोट में प्रवेश करने वाले वाहनों की जांच तेज कर दी गई है।