धर्मशाला- राजीव जस्वाल
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने स्लेट गोदाम से बर्फ़ देखने गए दो नाबालिग लड़कों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशाशन समय रहते रेस्क्यू टीम भेजता तो शायद इन बच्चों को बचाया जा सकता था।
यह पहली बार नहीं है कि ऐसी घटना हुई है। कुछ समय पहले भी दो व्यक्तियों की जान जा चुकी है। प्रदेश सरकार को यह पता होना चाहिए की एशिया की सबसे नज़दीक स्नो लाइन धौलाधार है, लेकिन यहां कोई उचित प्रबंध नहीं है। इस क्षेत्र में कई ट्रैक हैं और न केवल स्थानीय लोग बल्कि पर्यटक भी ट्रैकिंग करने के लिए यहां जाते हैं।
धौलधार के ट्रैक एल्पायन ट्रैकिंग रूट के लिए जाने जाते हैं, यही कारण है की यह आकर्षण का केंद्र हैं। दुखद स्थिति यह है कि सरकार द्वारा उचित प्रबंधन नहीं है। पूर्व सरकार के समय में त्रियुंड ट्रैक के लिए चेक प्वाइंट व ट्रैक को सुधारने के लिए चालीस लाख रुपये दिए गए थे लेकिन कार्य अधूरा पड़ा है। ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए उचित प्रबंधन करना ज़रूरी है, चाहे ड्रोन हों, हेलिकाप्टर हों या स्थानीय स्तर पर रेस्क्यू टीम और डॉग स्क्वॉड हों, लोकल फ्रीक्वेंसी पर वायरलेस से जोड़ना चाहिए।
नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी प्रदेश में कहां कहां काम कर रही है उसको आपदाओं से निपटने के लिए कितनी धनराशि प्रतिवर्ष आती है, उसे कहां ख़र्च किया जा रहा है भाजपा सरकार को सार्वजनिक करना चाहिए। इस घटना के लिए प्रशाशन और स्थानीय नेता क़सूरवार हैं जो दो बच्चों को ले आए और दो को छोड़ आए। प्रबंध करने के बजाय रोगी वाहन में घूमते रहे।
इस सारे मामले की जांच होनी चाहिए कि रेस्क्यू टीम समय पर क्यों नहीं पहुंची और जब चारों बच्चे मिल गए थे तो सभी को एक साथ क्यों नहीं लाया गया। कहीं वाहवाही लूटने के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप कारण तो नहीं? हाज़िरी लगाने, सेल्फ़ी खिचवाने से क्षेत्र आगे नहीं बढ़ेगा इसके लिए दूरगामी कदम उठाने होंगे, जो वर्तमान सरकार के समय में असंभव लगता है।