शिमला – नितिश पठानियां
समेज त्रासदी के बाद लापता लोगों की पहचान के लिए पुलिस द्वारा डीएनए मिलान तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस तकनीक के माध्यम से दो शवों की पहचान की जा चुकी है। पुलिस ने 37 डीएनए सैंपल लिए हैं, जिनके आधार पर यह मिलान हो रहा है।
पहचान किए गए शवों में से एक 54 वर्षीय संतोष कुमारी, पत्नी सूरत राम निवासी कनराढ़, रामपुर की हैं, जिनकी पहचान उनके पुत्र राजेश कुमार के डीएनए से की गई। दूसरा शव 52 वर्षीय रूप सिंह, सुपुत्र सुखराम, सरपारा, रामपुर का है, जिसकी पहचान उनके पुत्र साहिल के डीएनए मिलान से हुई है।
उपायुक्त अनुपम कश्यप के बोल
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि कई शव क्षत-विक्षत अवस्था में मिले हैं, जिनकी पहचान करना एक बड़ी चुनौती बन गई है। इसी कारण लापता लोगों के परिजनों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं और शवों के डीएनए सैंपल से उनका मिलान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता हर शव की पहचान करना है और इसके लिए वैज्ञानिक तकनीक का सहारा लिया जा रहा है।
पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी के बोल
पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि डीएनए मिलान से ही परिजनों को शव सौंपे जा रहे हैं, क्योंकि कई शवों की पहचान बिना डीएनए के संभव नहीं थी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत डीएनए सैंपल प्रोफाइलिंग की जा रही है और अन्य शवों की पहचान भी इसी प्रकार की जाएगी।
एसडीएम रामपुर निशांत तोमर के बोल
एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि समेज क्षेत्र में बिजली और पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है। त्रासदी के बाद से क्षेत्र में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई थी। दस दिनों की कड़ी मेहनत के बाद, संबंधित विभागों ने नई तारें, खंबे और पानी की पाइपें बिछाकर आपूर्ति को बहाल किया। दोनों विभागों ने दिन-रात मेहनत करके आपूर्ति को तीव्र गति से बहाल किया है।