ऋषिकेश, अतुल उनियाल
अभाविप उत्तरांचल श्री देव सुमन विश्वविद्यालय द्वारा वार्षिक परीक्षाओं का संचालन समाप्त कर सेमेस्टर सिस्टम लागू कराने का विरोध करती है
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी.पी. ध्यानी के अनुसार विश्वविद्यालय से संबंध कॉलेज में पूर्व में स्नातक स्तर पर सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया लेकिन पूर्व में विद्यार्थी परिषद के विरोध के बाद सेमेस्टर सिस्टम को समाप्त कर वार्षिक परीक्षाएं कराई गई । कुलपति ने कहा कि वार्षिक परीक्षाएं छात्र हित में नहीं है। इसे देखते हुए कार्य परिषद की बैठक में सेमेस्टर सिस्टम को लागू करने का निर्णय लिया गया ।
पूर्व में नये कैंपस बनाए जाने की घोषणा की गई थी जो कि उन कैंपसों को अभी तक पूर्ण रूप से विकसित नहीं कर पाई, उसके उपरांत घोषणा मात्र के लिए दो- तीन कैंपस और बनाए जाने कि बात हास्यास्पद जैसी है ।
प्रदेश मंत्री काजल थापा ने कहा कि जिस समय सेमेस्टर सिस्टम वापस लिया गया था उस समय की मूलभूत सुविधाओं में और आज की मूलभूत सुविधाओं में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नही हुई है। अभाविप उत्तरांचल कार्य परिषद के इस तानाशाही रवैया विरोध का करती है और वर्तमान में फिर उसी प्रकार की व्यवस्था लागू कर छात्रों को पुनः उसी परेशानी में धकेलने जैसा रहेगा ।
अभाविप की जिला संयोजक शुभम झा ने कहा कि अभी तक विश्वविद्यालय में ठीक से इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित नहीं हुआ है। जो कि अभी संविदा के कर्मचारियों से ही चलता है और उसका कोई अपना समुचित स्ट्रक्चर नहीं है ।
यदि किसी विद्यार्थी की मार्कशीट में कोई त्रुटि रहती है तो उसको ठीक करने में विद्यार्थियों को बहुत समस्या होती है यह सभी को विदित है ।
सुचार पूर्वक मूलभूत सुविधाएं लागू नहीं होती तब तक यह सेमेस्टर सिस्टम को लागू किया जाना छात्रों के साथ सरासर अन्याय है
अभाविप उत्तरांचल का यह मानना है कि कार्यपरिषद में लिया गया निर्णय अव्यवहारिक है और इस निर्णय को कार्य परिषद द्वारा वापस लेना चाहिए ।
अभाविप प्रशासन सेमेस्टर सिस्टम लागू कराने का निर्णय का घोर विरोध करती हैं ।