शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश की पवित्र धरा ने एक और वीर सपूत को देश की सेवा में खो दिया। राष्ट्रीय राइफल्स की 55वीं बटालियन के ग्रेनेडियर्स सिपाही पवन कुमार, जिनकी बहादुरी और साहस की कहानी सुनते ही हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है, उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनकी मां ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में ग्रहण किया।
राष्ट्रपति भवन में जब पवन कुमार की वीरता की गाथा बयां की जा रही थी, तो उनकी मां दुर्मा देवी की आंखों में गर्व और आंसू दोनों की छवि साफ नजर आ रही थी। उनके चेहरे की दृढ़ता ने हर एक को यह महसूस कराया कि पवन कुमार की वीरता उनकी रगों में बसी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का ममतामयी रूप भी इस दौरान देखने को मिला। उन्होंने मां को सांत्वना देते हुए कहा कि देश उनके इस बलिदान को सदैव याद रखेगा। पवन कुमार ने उस दिन अपने प्राणों की आहुति दी, फरवरी 2023 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में एक ऑपरेशन के दौरान, उन्होंने असाधारण सामरिक कौशल और परिचालन संयम का प्रदर्शन किया; और एक आतंकवादी को मार गिराया जबकि दूसरे को घायल कर दिया।
जिला शिमला के रामपुर उपमंडल से संबंध रखने वाले सिपाही पवन कुमार पिथवी गांव के रहने वाले थे। उनके इस बलिदान ने न केवल हिमाचल प्रदेश को, बल्कि पूरे देश को गर्वित किया है। वीर भूमि हिमाचल का हर एक बच्चा अब कुलभूषण मांटा की इस वीरता से प्रेरित होकर अपने देश की सेवा में तत्पर रहेगा।
पवन कुमार का नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा, और उनकी वीरता की गाथा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। देश के इस वीर सपूत को शत-शत नमन!