शिमला चश्मा ले जाता और खाने की चीज लेने के बाद ही वापस करता था, ऐसे पकड़ में आया वो ब्लैकमेलर बंदर

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शिमला, जसपाल ठाकुर

शिमला घूमने आने वाले सैलानियों का वो चश्मा उठा ले जाता था और जब तक उसे कुछ खाने का सामान नहीं दिया जाता था, तब तक वो चश्मा वापस नहीं करता था। उसकी शिकायतें भी हुई, परंतु वह पकड़ में नहीं आ पा रहा था। आखिरकार मंगलवार को वन जीव विभाग ने उस ब्लेकमेलर मंदिर को पकड़ ही लिया।

यह बंदर शिमला के डीसी आॅफिस के बाहर डेरा जमाए हुए था। जी, हां हिमाचल प्रदेश वन विभाग के वन्यजीव विंग ने एक ऐसे बंदर को पकड़ा है, जो आए दिन लोगों को ‘ब्लैकमेल’ करता था। शातिर बंदर आए दिन सैलानियों और स्थानीय लोगों के चश्मे छीनकर ले जाता था। जब कोई उसे खाने-पीने का सामान देता था, तभी लौटाता था।

खैर, अब इस उत्पाती बंदर को विभाग ने पकड़ लिया है। इससे लोगों को राहत मिलेगी। यह बंदर उपायुक्त कार्यालय के पास डेरा जमाए हुए था। यहां से गुजरने वाले लोगों के कंधे पर चढ़ जाता और चश्मा उतारकर भाग जाता। जब तक इसे खाने-पीने की चीजें न दी जातीं, यह तब तक चश्मा नहीं छोड़ता था।

लोगों ने वन्य जीव विभाग को इसकी शिकायत की। रेंज अफसर प्रमोद गुप्ता की अगुवाई वाली टीम जब मौके पर पहुंची तो इस बंदर को पकड़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। कई घंटे तक कर्मचारी इसे आइसक्रीम से लेकर नमकीन, बिस्किट तक के पैकेट खाने के लिए देते रहे, लेकिन यह छत से नहीं उतरा।

अंत में विभाग ने ट्रैंक्यूलाइजर गन से इसे बेहोश कर पकड़ा। अब इसे टूटीकंडी स्थित चिड़ियाघर में रखा है। नसबंदी और कुछ दिन निगरानी के बाद इसे वापस छोड़ा जाएगा। वन्यजीव विभाग के डीएफओ कृष्ण कुमार ने बताया कि लोगों की शिकायत पर इसे पकड़ा है। वन्यजीव विभाग का मानना है कि यह बंदर जाखू मंदिर क्षेत्र से यहां पहुंचा था।

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