शिमला- जसपाल ठाकुर
राजधानी शिमला के कच्चीघाटी इलाके में भारी बारिश के कारण गुरुवार को एक आठ मंजिला भवन ढह गया। इस भवन की नींव पिछले दिन ही क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके बाद बहुमंजिला भवन को खाली कर दिया गया था। वहीं, गुरुवार शाम भवन जमींदोज हो गया। हालांकि इस घटना में किसी भी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है।
बहुमंजिला भवन के ढह जाने से आसपास के भवनों को भी नुकसान पहुंचा है। भवन में कई परिवार रहते थे , लेकिन प्रशासन ने उन्हें पहले ही सुरक्षित निकाल लिया था। गुरुवार शाम करीब पौने छह बजे अचानक दर्शन काटेज भवन धराशायी हो गया। प्रशासन की टीमों के सामने भवन चंद मिनटों में ही मलबे में बदल गया। इसके ढहने से साथ लगते कई भवनों को भी नुकसान पहुंचा है।
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया गया। जमींदोज हुई इस भवन के आसपास भू-स्खलन होने से कई अन्य भवन भी खतरे की जद में हैं। वहीं शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज भी घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचे और वहां नुकसान का जायजा लिया। इसके साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन को फौरी राहत देने के निर्देश भी दिए।
उन्होंने अधिकारियों को इस घटना के जांच के आदेश भी दे दिए है। उन्होंने कहा कि भवन के मलबे की चपेट में आने से नीचे बने भवन को काफी नुकसान हुआ है, जबकि साथ लगते अन्य भवनों में भी दरारें आई है। उन्होंने कहा कि घटना में करिब 10 परिवार प्रभावित हुए है, ऐसे में सभी परिवारों को सही स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश भी प्रशासन को दिए गए है।
भवन अवैध था या नहीं, निगम करेगा जांच
कच्चीघाटी में जमींदोज हुए भवन के बाद जहां शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने जांच के आदेश दिए हैं, तो वहीं अब निगम भी अब इस मामले में जांच करेगा। निगम यह पता लगाएगा कि यह भवन अवैध था या नहीं? निगम के संयुक्त आयुक्त अजीत भारद्वाज ने बताया कि निगम की एक टीम मौके का निरीक्षण करेगी और यह भवन अवैध था या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि भवन का कितना हिस्सा अवैधा था, या पूरी की पूरी बिल्डिंग ही अवैध थी, इसका पता जांच के बाद ही लग पाएगा। हालांकि इस मामले में निगम की ओर से पहले कोई भी नोटिस भवन को नहीं दिया गया है।