विश्व की सबसे ऊंची चोटी “माउंट एवरेस्ट” की चढ़ाई करेगी गत्ताधार की बेटी कृतिका शर्मा

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देश के 60 NCC कैडेट्स में हिमाचल से इकलौती

सिरमौर – नरेश कुमार राधे                                                                           

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर के संगड़ाह उपमंडल के गत्ताधार की रहने वाली कृतिका शर्मा ने एक शानदार उपलब्धि हासिल की है। कृतिका शर्मा का चयन दुनिया की सबसे ऊंची चोटी “माउंट एवरेस्ट” पर चढ़ाई के लिए हुआ है। अभियान के लिए देश भर से 60 कैडेट्स को चुना गया है।

पांवटा साहिब के श्री गुरु गोबिंद सिंह राजकीय महाविद्यालय की बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा कृतिका शर्मा की उपलब्धि पर समूचे गिरिपार इलाके में खुशी की लहर है। पहले पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ में आयोजित ट्रायल्स के दौरान चार NCC  कैडेट्स का चयन हुआ, जिसमें कृतिका शर्मा भी शामिल थीं। बाद में एनसीसी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में अंतिम इम्तिहान में कृतिका का माउंट एवरेस्ट अभियान के लिए अंतिम रूप से चयन हुआ।

कृतिका कबड्डी की भी एक बेहतरीन खिलाडी है और राष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए मेडल भी हासिल कर चुकी है। कृतिका गांव के परिवेश से निकलकर अब विश्व स्तर अपनी काबिलियत का डंका बजाने को आतुर है। कृतिका ने गांव के ही स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मंडवाच से अपनी बारहवीं तक की पढाई की है। उनके स्कूल में भी कृतिका की इस उपलब्धि के बाद ख़ुशी का माहौल है।

उधर, कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वैभव कुमार शुक्ला ने कृतिका और एनसीसी प्रभारी पूजा भाटी को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी है साथ ही कॉलेज से कृतिका को हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया है। कृतिका शर्मा के माता-पिता बेटी की  सफलता से बेहद खुश हैं।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि सिरमौर के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों की बेटियां अपनी फिटनेस के लिए पहचान रखती है। कई बेटियां तो शिक्षा हासिल करने के लिए ही रोजाना पैदल चलकर पहाड़ों को नापती है। जानकारी के मुताबिक कृतिका 29 सितंबर को एवरेस्ट पर चढाई के अभियान की शुरुआत करेंगी।

कृतिका शर्मा हिमाचल प्रदेश से माउंट एवरेस्ट अभियान के लिए चयनित होने वाली इकलौती एनसीसी गर्ल्स कैडेट हैं। इस उपलब्धि ने उन्हें अन्य छात्राओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनाया है।

बता दें कि कृतिका शर्मा के पिता भरत शर्मा भी एक बेहतरीन कलाकार है। लकड़ियों पर उकेरी गई उनकी कलाकृतियां देखकर हर कोई हैरान हो जाता है। उन्होंने कहा कि बेटी की सफलता पर नाज है। बेटी की कड़ी मेहनत व कुशल नेतृत्व का परिणाम है कि आज विश्व की सबसे ऊंची चोटी को नापने निकली है। उन्होंने कहा कि “बेटी अनमोल है”।

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