मकान खाली करने की डेडलाइन खत्म, अब?

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ठानपुरी से परौर तक फोरलेन प्रभावितों को एनएचएआई ने दिया था नोटिस

हिमखबर डेस्क

राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण द्वारा अब ठानपुरी से परौर तक के 17 किलोमीटर लंबे फोरलेन के कार्य को गति देने से धरातल ही नहीं प्रभावित लोगों में भी हलचल साफ देखी जा सकती है।

सभी विभागीय औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद प्राधिकरण ने विस्थापित होने वाले परिवारों को कई बार दिए गए औपचारिक नोटिसों की समयावधि पूरी हो जाने के बाद अब जुबानी अंतिम नोटिस जारी कर दिया है।

जिसके चलते फोरलेन की जद में आने वाले निर्मित ढांचों को गिराने का काम लोगों ने युद्ध स्तर पर जारी कर दिया है, जो अभी तक निर्माण के अंतिम पलों के इंतजार में ही दिनों को धकेल रहे थे।

प्राधिकरण ने साफ कर दिया है कि यदि अब भी लोगों ने निर्मित ढांचे खाली नहीं किए तो जैसे-जैसे निर्माण आगे बढ़ता जाएगा वैसे-वैसे ही वे सभी ढांचे कंपनी द्वारा तोड़ दिए जाएंगे, जिन्हें करीब एक साल पहले ही चिन्हित कर मुआवजा राशि भी खातों में जमा करवा दी गई थी।

प्राधिकरण अब 21 महीने में निर्माण को पूरा करने के अपने इकरार पर गंभीरतापूर्वक काम करने के लिए दल बल के साथ मैदान में उतर गया है। प्राधिकरण ने मुआवजा देने के बाद भी निर्माण को समेटने का विकल्प प्रभावितों के लिए खुला रखा है, ताकि वे मलबे से आवश्यक सामग्री सहेज कर बचा सकें।

इस दौरान कई परिवार ऐसे भी थे जिनके लिए अंयत्र पुनर्वास की व्यवस्था जुटाना एक चुनौती बनी हुई थी। यही वजह है कि उनके लिए पहले छत जुटाना उनकी प्राथमिकता रही तथा भूमि खाली करने में पिछड़ गए।

21 महीने में काम पूरा करेगी कंपनी

एनएचएआई के उपप्रबंधक तुषार ने बताया कि प्रभावित लोगों को मुआवजे के साथ भूमि खाली करने की मोहलत बहुत पहले समाप्त हो चुकी है। अब आवश्यकतानुसार निर्माण एजेंसी कभी भी अपना बुलडोजर चला सकती है। कंपनी के साथ 21 माह में निर्माण पूरा करने का इकरार हुआ है । जमीन, ढांचों, पेड़ों तथा अन्य मुआवजों के अतिरिक्त 17 किलोमीटर निर्माण में 260 करोड़ रुपए खर्च होंगे ।

ठानपुरी से 61 मील तक 228 करोड़ मुआवजा

सरकार की ओर से नगरोटा बगवां उपमंडल में पडऩे वाले ठानपुरी से 61 मील तक के प्रभावित परिवारों को जमीन पेड़ों तथा निर्मित ढांचों का 228 करोड़ का मुआवजा बांटा गया। वहीं 61 मील से परौर तक पालमपुर उपमंडल के अंतर्गत पडऩे वाली जमीन के मुआवजे के रूप में अब तक 16 करोड़ 94 लाख 61 हजार 563 रुपए बांटे जा चुके हैं।

फोरलेन की जद में आ रहे रिहायशी मकानों व दुकानों आदि के रूप के निर्मित ढांचों के एवज में अब तक 14 करोड़ 64 लाख 21 हजार 406 रुपए का भुगतान प्रभावित परिवारों को दिया जा चुका है ।

फोरलेन में जद में आएंगे 9435 दरख्त

अब तक के सर्वेक्षण के आधार पर ठानपुरी से परौर तक 17 किलोमीटर लंबे फोरलेन के आखिरी छोर परौर स्थित रेलवे क्रॉसिंग तक के परिक्षेत्र के कुल 9435 पेड़ों को ठिकाने लगाने का कार्य भी जारी है। इसमें वन भूमि, केंद्रीय सरकार, राज्य सरकार तथा निजी मलकीयती भूमि के पेड़ शामिल है।

जिनकी प्राधिकरण की अधिकृत कंपनी द्वारा कटाई शुरू कर दी गई है तथा वन निगम भी अपनी जिम्मेदारी के लिए मैदान में है। पालमपुर उपमंडल में पडऩे वाले चार किलोमीटर क्षेत्र में 1486 पेड़ चिन्हित हैं।

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