ज्वाली – अनिल छांगू
पौंग झील किनारे वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर प्रतिबंध के बावजूद खेती करने वालों के खिलाफ पंचायतों के लोग लामबंद हो गए हैं। लोगों ने प्रतिबंध के बाद खेती करने वालों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रविवार को इस संदर्भ में बनाड़ा में पर्यावरण प्रेमी मिल्खी राम शर्मा की अध्यक्षता में बैठक करके आगामी रणनीति बनाई गई।
बैठक में लोगों ने कहा कि जब डैम बनने के समय लोगों को जमीनों का क्लेम दिया जा चुका है तो फिर लोग वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर खेती किस हक से कर रहे हैं। लोगों ने तो यह भी कहा कि जो लोग प्रतिबंध के बाद जबरन खेती करते हैं, उनकी जमीनें तो डैम में गई ही नहीं हैं।
पर्यावरण प्रेमी मिल्खी राम शर्मा ने कहा कि राजनीति के दबाव में वन्य प्राणी विभाग मूकदर्शक बनकर खेती होते देखता रहता है। उन्होंने कहा कि विभाग के पास ड्रोन भी है, लेकिन शायद ही इसका प्रयोग किया जाता है। बेसहारा पशु खाली जमीन पर चरते हैं और उनको झील किनारे पानी भी मिल जाता है।
जब उक्त लोग खेती करते हैं तो झील को जाने वाले रास्तों को बंद कर देते हैं जिस कारण बेसहारा पशु मलकीयत जमीनों में घुसकर फसलों को तहस-नहस कर देते हैं। उन्होंने चेताया कि अगर किसी नेता ने खेती करवाने की जबरन पहल करवाई तो उसको भी कोर्ट में पार्टी बनाया जाएगा। उन्होंने वन्य प्राणी विभाग से मांग की है कि अपनी हद तक तारबंदी की जाए।
ये रहे उपस्थित
इस मौके पर पूर्व प्रधान सुभाष चंद, पूर्व प्रधान जोगिंदर सिंह, उजागर सिंह, रिखी राम राणा, लायक सिंह, संदोख सिंह, महेंद्र सिंह, नवल किशोर, मदन लाल, कर्म चंद, नवीन, जसपाल सिंह, राकेश कुमार, गणेश कुमार, बलबीर सिंह, प्रवीन कुमार और राकेश कुमार आदि मौजूद रहे।