घास काटने वाली मशीन में कटकर अलग हो गया था हाथ, प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने 11 घंटे में दोबारा जोड़ रचा इतिहास
व्यूरो, रिपोर्ट
उत्तर भारत के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान पीजीआई चंडीगढ़ के डाक्टरों ने आठ साल की बच्ची को एक तरह से नया जीवन दिया है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर की बच्ची का हाथ घास काटने वाली मशीन से कटकर अलग हो गया था, जिसे पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग ने 11 घंटे में जोड़कर इतिहास रच दिया है।
इतनी कम उम्र की बच्ची का कटा हाथ जोड़कर पीजीआई पूरे उत्तर भारत में ऐसा करने वाला पहला चिकित्सा संस्थान बन गया है। पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हैड प्रोफेसर आरके शर्मा ने बताया कि पीजीआई में इस प्रकार की जटिल सर्जरी अब पूरी तरह से कामयाब हो रही हैं। उसका कारण है कि प्लास्टिक सर्जरी के क्षेत्र में पीजीआई समय-समय पर नई तकनीक ईजाद कर रहा है।
पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डा. एस त्रिपाठी, डा. जेरी आर जॉहन और प्रोफेसर अतुल पराशर की निगरानी में इस बच्ची की सर्जरी की गई थी। हादसे के छह से सात घंटे के भीतर बच्ची को हमीरपुर से पीजीआई के एडवांस ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए भर्ती किया गया था।
यहां 10 दिन तक चले बच्ची के इलाज के बाद 11 घंटे की सर्जरी से कटा हुआ हाथ दोबारा जोड़ दिया गया। डा. एस त्रिपाठी ने बताया कि जब बच्ची की सर्जरी की गई, उस दौरान उसके कटे हुए हाथ में 20 जगहों पर सर्जरी की गई। कटे हुए हाथ की कलाई को दोबारा जोड़कर उसकी नसों और हड्डियों को दोबारा जोड़ा गया।
प्लास्टिक सर्जरी के जरिए बच्ची की कटी हुई स्किन को भी दोबारा रीइंपलांट किया गया।