पंचायत प्रतिनिधियों का दायित्व बनता है लोगों को जानकारी कराए उपलब्ध

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नूरपुर, देवांश राजपूत

 

नूरपुर के कस्बा जसूर में रहने वाले समाजसेवी व आईएएस अकिल बक्शी दिन- रात जनता की सेवा में लगे है।अकिल बक्शी को एक बार जानकारी मिल जाए किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति के बारे में।वे तुरंत उस व्यक्ति की मदद हेतू मोजूद रहते हैं।

 

अभी हाल ही में अकिल बक्शी कोरोना महामारी के दौरान गांव- गांव गए और जरूरतमंद लोगों की मदद की।अकिल बक्शी गांव- गांव गए और लोगों की समस्याओं को देख दंग रह गए की सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं के बारे में ही लोगों को जानकारी नहीं है।

 

समाजसेवी व आईएएस अखिल बक्शी ने कहा कि मेरे पिता भूतपूर्व नूरपुर विधायक रणजीत सिंह बक्शी जो पिछले साल दिसंबर को हम सबको छोड़कर चले गए।उनकी मृत्यु मेरे जीवन में एक टर्निंग मोड़ है।उन्होंने जितने भी कार्यअपने होते हुए किए थे वो मेरे लिए प्ररेणा के स्रोत हैं। हम सब अपनी तरफ से कोई न कोई समाज सेवा के कार्य करते हैं।

 

उन्होंने भी अपने समय में बहुत से समाज सेवा के कार्य किए, पर उनकी मृत्यु के बाद मुझे एहसास हुआ कि शायद वो ओर कुछ करना चाहते थे जो वो कर न सके।मुझे लगा कि मै क्यों ना उनके नक्शे कदम पर चल के कुछ ओर करू।

 

मेरे एक दोस्त है जो धर्मशाला में रहते हैं उन्होंने इस बीमारी के चलते अपनी माता को खोया है और मैने अपने पिता को खोया है। हम चाहते हैं कि जो दुख हमने और मेरे दोस्त ने झेला है वो कोई ओर न झेले। इसलिए मैं अलग-अलग जगहों में जाकर

 

अलग अलग लोगों के पास जा उनकी अपनी तरफ से सहायता करने की कोशिश कर रहा हूं।

 

अकिल ने बताया कि मैंने अक्सर कई जगहों पर देखा है कि लोगों को कई चीजों का पता ही नहीं है। मै यही कहना चाहूंगा कि लोगों को बताना सब से पहला काम पंचायत प्रतिनिधियों का होता है। मगर मेरा कहना यह है कि यह सब पंचायत में नहीं है।उन्होंने बताया कि कई जगहों में पाया गया है कि सरकार की योजनाओं का लोगों को पता ही नहीं है या जो पात्र व्यक्ति है उनको सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं मिल ही नहीं रही हैं।

 

जैसे बीपीएल योजना है वो कई ऐसे परिवार हैं जो हकदार हैं पर उन्हें नहीं रखा गया और कई ऐसे हैं जिनके पास सब कुछ है वो उसका लाभ उठा रहे हैं।अकिल ने बताया कि इसके साथ ही कई गांवों में लोग मुलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। जैसे बिजली,पानी, सड़क ऐसी कई सुविधाएं हैं जो उनको मिलनी चाहिए पर कहीं न कहीं किसी न किसी वजह से उन्हें ठीक ढंग से मिल नहीं पा रही हैं।

 

इन सब समस्याओं का पता तब चलेगा जब हम वहां जाएंगे।क्योंकि हम लोग शहरों में रहते हैं, हमें उनका पता नहीं चल सकता है। हम जबतक वहां जाएंगे नहीं तबतक उनका कैसे हल हो सकता है। इसलिए हमें वहां जाना चाहिए और उनका हल करना चाहिए।

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