नूरपुर अस्‍पताल में वेंटीलेटर होने के बावजूद सुविधा नहीं, टांडा या धर्मशाला रेफर हो रहे मरीज

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नूरपुर, देवांश राजपूत

जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने कहा कि यदि किसी मरीज की सांसें साथ छोड़ रही हों तो उस स्थिति में मरीज को बचाने के लिए वेंटीलेटर जैसे स्वास्थ्य उपकरण की बेहद जरूरत होती है। लेकिन सरकार की विफलता के चलते ऐसा ही एक जीवनरक्षक स्वास्थ्य उपकरण नूरपुर के सरकारी अस्पताल के भीतर पिछले चार साल से पैकिंग से ही बाहर नहीं निकल पाया है ।

 

महाजन ने भाजपा के शासनकाल में नूरपुर के सिविल अस्पताल की दुर्दशा और स्वास्थ्य सेवा की लचर व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान 2017 में बतौर विधायक उनके अथक प्रयासों से उक्त अस्पताल में यह अति उपयोगी उपकरण उस समय उपलब्ध करवाए थे। जब यहां सामान्य और बच्चों के लिए आइसीयू वार्ड बनाए गए थे और वेंटीलेटर भी उपलब्ध करवाया गया था।

लेकिन सत्ता परिवर्तन होने के चार साल बाद भी उक्त उपकरण पैकिंग रूपी जिन्न से बाहर ही नहीं निकल पाया। वेंटीलेटर सुविधा न होने के कारण लोगों को टांडा या धर्मशाला में जाना पड़ रहा है या फिर निजी अस्पतालों में लाखों का खर्च उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

महाजन ने कहा कि हाल ही में उक्त अस्पताल में कोविड उपचार केंद्र भी खोला गया है। यहां पर भी मरीज की सांसों को बचाने के लिए उक्त उपकरण की भारी जरूरत है। बावजूद इसके वेंटीलेटर यहां उपलब्ध होने के बावजूद स्थापित नहीं किया गया। इससे पता चलता है कि कोविड को लेकर सरकार के प्रबंध कितने कारगर हैं।

 

महाजन ने कहा कि रैहन क्षेत्र के गोलवां से संबंधित एक मरीज हरबंस सिंह जो गत 20 दिनों से एक निजी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ते हुए उपचाराधीन है, इस मरीज तक करीब 12 लाख खर्च आ चुका है। नूरपुर अस्पताल में यह उपकरण लग गया होता तो इस प्रकार के अनेक मरीजों को ऐसे हालातों का सामना न करना पड़ता।

महाजन ने तंज कसते हुए कहा कि नूरपुर विधानसभा क्षेत्र विकास के मामले में बुरी तरह पिछड़ कर रह गया है । हालात यह हैं कि जोनल अस्पताल का सपना दिखाने वाले शासक न तो अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को पूरा करवा पाए हैं और एक वेंटीलेटर जैसे जरूरी जीवन रक्षक उपकरण को ही चालू नहीं करवा पाए हैं।

यह बोले सीएमओ कांगड़ा                                                                                               मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. गुरदर्शन गुप्ता ने बताया कि उक्त उपकरण को चलाने में दक्ष स्टाफ की आवश्यकता होती है। स्टाफ के अभाव में इसे स्थापित नहीं किया जा सका। फिलहाल टांडा व धर्मशाला में वेंटीलेटर की सुविधा उपलब्ध है, ऐसी स्थिति वाले रैफरल मरीजों को दोनों स्थानों पर इलाज की व्यवस्था है।

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