नियमों की धज्जियां उड़ाकर 11 किलोमीटर आधे-अधूरे मार्ग पर सजा दिया टोल बैरियर
काँगड़ा – राजीव जस्वाल
लोगों की जेब पर कैसे डाका मारा जा सकता है, केंद्रीय कानूनों का कैसे दुरुपयोग किया जा सकता है और डंडे और गुंडों के सहारे कैसे लूट मचाई जा सकती है, यह सब नेशनल हाई-वे अॅथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) से बेहतर कोई नहीं बता सकता है।
प्रदेश में अभी तक एक भी फोरलेन मार्ग एनएचएआई पूरी तरह तैयार नहीं कर पाया है, परंतु टोल टैक्स के नाम पर भारी भरकम वसूली शुरू कर दी है। ताजा तरीन मामला मटौर-शिमला फोरलेन मार्ग का है। यह मार्ग अभी तक सिर्फ दौलतपुर से रानीताल तक ही पूरा तैयार हुआ है और दूरी भी मात्र 11 किलोमीटर है, परंतु एक माह पूर्व भारी विरोध के बावजूद एनएचएआई ने टोल टैक्स वसूलना शुरू कर दिया है।
तकीपुर के साथ घट्टा में बनाया गया टोल प्लाजा इस समय लूट का अड्डा साबित हो रहा है। कांगड़ा से सबसे ज्यादा ट्रैफिक चंडीगढ़ के लिए है और ऐसे वाहन इस मार्ग का उपयोग केवल दौलतपुर से रानीताल ही करते हैं और दूरी मात्र 11 किलोमीटर बननी है और 11 किलोमीटर में ‘जजिया’ लगाने की छूट किसने दे दी, यह तो बड़ी-बड़ी बातें हांकने वाले केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ही बता सकते हैं।
एनएचएआई के तय नियमों के मुताबिक 20 किलोमीटर तक टोल टैक्स नहीं लिया जा सकता है। एक टोल प्लाजा से दूसरे के बीच में 60 किलोमीटर की दूरी होनी चाहिए। यह प्लाजा मटौर से 12 किलोमीटर दूरी पर बना कर जनता की छाती पर मंूग दलने का ढांचा तैयार किया गया है।
रिउंद पुल का काम अधूरा
दरअसल लोग फोरलेन को पूरा किए बिना टोल देने के हक में नहीं हैं । इसलिए एनएएचआई को लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि जब रिउंद पुल का कार्य अधूरा है, तो फिर टोल प्लाजा क्यों चालू किया गया है। धमेड़ पंचायत के प्रधान राज कपूर, तकीपुर पंचायत के प्रधान सुरेश कुमार व पहल संस्था के प्रधान विजय सिंह सहित सैकड़ों लोगों ने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए इसे जल्दबाजी बताया है।
टोल बैरियर पर जीरो सुविधाएं
लोगों का कहना है कि टोल प्लाजा पर शौचालय, पीने का पानी और छायादार क्षेत्र जैसी बुनियादी सुविधाएं। सडक़ के किनारे नियमित अंतराल पर विश्राम स्थल या हाई-वे विलेज, जहां भोजन, ईंधन और मरम्मत की सुविधाएं उपलब्ध हों। मापदंडों के अनुसार आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं जैसे एंबुलेंस और फस्र्ट एड सेंटर, जो टोल सडक़ के पास उपलब्ध होनी चाहिए। ट्रक ड्राइवरों के लिए पार्किंग क्षेत्र और विश्राम स्थल भी हों। दुर्घटना के मामले में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए क्रेन और रिकवरी वाहन की उपलब्धता भी हो। यदि उपरोक्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, तो टैक्स किस बात का दें।
कछियारी से रानीताल 15 मिनट में
उल्लेखनीय है कि यह टोल प्लाजा गत 12 जून से चालू किया गया है। वैसे टोल प्लाजा पर 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले वाहन चालकों को राहत दी गई है, उन्हें 350 रुपए मासिक अदा करना होगा जबकि जीप-कार को जाने के लिए 25 रुपए और दोनों तरफ के 35 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं मासिक शुल्क 790 रुपए है। रिउंद पुल का कार्य दिसंबर में मुकम्मल होगा। ऐसे में कछियारी से रानीताल की दूरी 15 मिनट से भी कम समय में पूरी की जाएगी।
पुल-टनल चालू होने से दोगुना टोल टैक्स
लोगों का कहना है कि टोल प्लाजा को कछियारी से ज्वालाजी तक मुकम्मल होने के बाद ही चालू किया जाए। एसडीएम कांगड़ा इशांत जसवाल ने बताया कि टोल प्लाजा एनएचएआई के अधीन आता है और वहीं इसके लिए मानक तय करते हैं।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर विक्रम सिंह मीणा के बोल
प्रोजेक्ट डायरेक्टर विक्रम सिंह मीणा का कहना है कि अभी तक 14 किलोमीटर सडक़ का निर्माण किया गया है उसी के अनुसार टोल लिया जा रहा है। रिउंद पुल व टनल चालू होने के बाद टोल की दरें लगभग दोगुनी हो जाएंगी। एनएचएआई के तर्क से लोग खफा है। जिला प्रशासन खासकर उपायुक्त कांगड़ा की तरफ से कोई भी एक्शन न लेने पर सरकार के प्रति भी रोष बढ़ रहा है।