वन रैंक-वन पैंशन की अनदेखी पर देश प्रदेश के वेटरन्स हैं खफा, लोक सभा चुनाव में होगा बिरोध और वहिष्कार, अपील- प्रदेश में कोई वैटरन लोक सभा चुनाव या विधान सभा के उपचुनाव में खड़ा होता है तो सभी वेटरन्स, वीर नारियां, वीरांगनाओं और उनके परिवार रिस्तेदार सभी तन-मन-धन से स्पोट और समर्थन करें
बिलासपुर – सुभाष चंदेल
हिमाचल प्रदेश वैटरन सैनिक कल्याण एंव विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष व युनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन जेसीओ ओ-आर हिमाचल प्रदेश के वाईस चेयरमैन वैटरन कैप्टन बालक राम शर्मा ने कहा कि वन रैंक-वन पेंशन स्कीम की विसंगतियों को दुरुस्त करने में किसी भी राजनीतिक दल द्वारा दिलचस्पी न दिखाए जाने से पूर्व सैनिक खफा हो गए हैं।पूर्व सैनिकों ने निर्णय लिया है कि इस बार सभी राजनीतिक दलों का लोकसभा चुनाव में विरोध किया जाएगा।
बता दें कि प्रदेश से लगभग सवा लाख के लगभग सेवार्थ सैनिक हैं जबकि 160 000 के लगभग पूर्व सैनिक हैं। पूर्व सैनिकों के साथ उनके परिवारों को मिलाकर सहस्त्र सेनाओं के कर्मियों की संख्या काफी अधिक हो जाती है तथा ये सब चुनाव में किसी भी पार्टी को एक होकर प्रभावित कर सकते हैं लेकिन पूर्व सैनिक इस बात से खफा कि सरकार द्वारा दिया गया वन रैंक वन पेंशन का लाभ उनको नहीं मिल पाया है।
इस संदर्भ में संयुक्त मोर्चा ऑफ एक्स सर्विसमैन (जे.सी. ओ. एवं ओ.आर.) के प्रदेशाध्यक्ष वैटरन कैप्टन जगदीश वर्मा, हिमाचल प्रदेश वैटरन सैनिक कल्याण एंव विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष व युनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन जेसीओ ओ-आर हिमाचल प्रदेश के वाईस चेयरमैन वैटरन कैप्टन बालक राम शर्मा वाईस चेयरमैन वैटरन कैप्टन हेतराम मंडी और महासचिव वैटरन लेफ्टिनेंट रमेश तपवाल ने कहा कि पूरे देश के पूर्व सैनिक 20 फरवरी, 2023 से भूख हड़ताल, रैलियां तथा कई प्रकार के ज्ञापन सरकार को देकर मांग उठा चुके हैं कि उनको एक रैंक एक पैंशन सही रूप में नहीं मिला है।
उन्होंने बताया कि अपने संगठन की तरफ से कांग्रेस व भाजपा को एक पत्र लिखकर मांग की थी कि वह एक रैंक एक पैंशन के मुद्दे को गंभीरता से विचार करके अपने चुनाव घोषणा पत्र में जोड़ें, ताकि उन्हें एक रैंक एक पैंशन का लाभ सही रूप में मिल सके। दोनों ही पार्टियों ने अपने लोकसभा चुनाव के चुनाव घोषणा पत्रों में पूर्व सैनिकों के इस मुद्दे को नहीं जोड़ा गया है।
पूर्व सैनिक चुनाव लड़ेगा तो उसका करेंगे समर्थन
संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि संगठन विचार कर रहा है कि पूर्व सैनिक दोनों ही पार्टियों के विरोध में रहेंगे, क्योंकि उनकी मांग को कोई भी पार्टी नहीं सुन रही है। उन्होंने निर्णय लिया कि अगर कोई पूर्व सैनिक चुनाव में भाग लेगा तो संयुक्त मोर्चा उसके पक्ष में रहेगा।