सिरमौर – नरेश कुमार राधे
हिमाचल प्रदेश का गिरिपार इलाका एक समय में पिछड़ेपन की पहचान रखता था। यहां के लोगों को मजदूरी करने के लिए राजधानी का रुख करना पड़ता था, लेकिन अब परिदृश्य बदला है।
आज गिरिपार के युवाओं की पहचान मजदूरों के रूप में नहीं, बल्कि प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस सेवाओं के होनहारों और विज्ञान के क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके वैज्ञानिकों के रूप में हो रही है। वो दिन दूर नहीं जब सिरमौर के युवा हिमाचल प्रदेश के चप्पे-चप्पे पर विराजमान हो जाएंगे।
ताजा घटनाक्रम में शिक्षा के क्षेत्र में सिरमौर के युवाओं ने एक और उपलब्धि हासिल करते हुए 7 विद्यार्थियों ने जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) और 25 ने नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) उत्तीर्ण किया है।
यह संख्या और भी अधिक हो सकती है, लेकिन फ़िलहाल हमें इन्ही युवाओं की जानकारी प्राप्त हुई है। इन होनहार बेटे और बेटियों ने अपने अद्भुत प्रदर्शन से न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जिले को गर्व की अनुभूति कराई है।
खासकर ग्रामीण इलाकों के विद्यार्थियों ने सीमित संसाधनों के बावजूद यह सफलता अर्जित कर जिले का नाम रोशन किया है। इनमें कई युवा कृषक परिवारों से आते हैं, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से इस मुकाम तक पहुंचे हैं। विशेष रूप से बेटियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन जिले के लिए गर्व का विषय बना हुआ है।
चयनित युवाओं में कमरऊ तहसील के टिटियाना गांव के किरपा राम ने दूसरी बार राजनीति विज्ञान में यह परीक्षा उत्तीर्ण की है और अब जेआरएफ की तैयारी में जुटे हैं।
पंजाह हरिपुरधार की मनीषा भारद्वाज और सुनोग आंजभोज तहसील पांवटा साहिब की कुमारी किरण ने हिंदी विषय में जेआरएफ उत्तीर्ण किया है।
डाहर जारवा जुनेली, तहसील शिलाई की निरंजना ठाकुर ने इतिहास में जेआरएफ परीक्षा पास कर अब शोध कार्य की ओर बढ़ रही हैं। इससे पहले उन्होंने नेट और एचपी सेट भी उत्तीर्ण किया था।
पांवटा साहिब तहसील के आंजभोज के रुदाना गांव की विरजना ने जेआरएफ एजुकेशन में सफलता हासिल की है, जबकि शिलाई की पूजा ने भूगोल में जेआरएफ उत्तीर्ण किया है। कमरऊ तहसील के कफोटा के शिरगांव की तनु शर्मा और दुगाना गांव की मनीषा पुंडीर ने हिंदी में जेआरएफ पास किया है।
नेट परीक्षा में भी जिले के युवाओं ने शानदार प्रदर्शन किया है। मस्तभोज क्षेत्र के माशू चयोग गांव तहसील कमरऊ के मुकेश शर्मा ने पहली बार नेट राजनीति विज्ञान उत्तीर्ण किया है।
वर्तमान में मुकेश शर्मा GMS कांडो चियोग टीजीटी संस्कृत पद पर सेवाएं दे रहे है। मुकेश शर्मा पहले भी दो बार नेट CBSE UGC नेट, NTA नेट और सेट संस्कृत में सफलता प्राप्त कर चुके है।
सौरभ शर्मा निवासी पुनरोहलाना पालर तहसील संगड़ाह और शिलाई के शिरी क्यारी पंचायत के छोटे से गांव टिंबा की काजल ने नेट अंग्रेजी विषय में प्राप्त किया है।
बाग हाबड़ा तहसील पांवटा साहिब के कुलदीप सिंह ने नेट अर्थशास्त्र में सफलता प्राप्त की है और अब सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।
रोहनाट, तहसील शिलाई के अनिल शर्मा ने नेट सामाजिक कार्य, आंजभोज के शिवा गांव के यश परमार ने नेट अर्थशास्त्र में सफलता अर्जित की है।
श्री रेणुका जी के जामूकोटी गांव की करिश्मा कंवल, बकरास के शालिया गांव की नीरज ठाकुर, नैनीधार के संजय ठाकुर, और रेणुका जी के यशपाल ने नेट राजनीति विज्ञान में उत्तीर्ण किया है।
रनवा हरिपुरधार की नैनिका ठाकुर ने समाजशास्त्र, तहसील नौहराधार के भराड़ी गांव की रितिका भारद्वाज ने संस्कृत, शिलाई की अक्षिमा जोशी ने वाणिज्य में दूसरी बार नेट उत्तीर्ण किया है।
इसके अलावा, प्रियंका (चारना श्री रेणुका जी), कविता (जरग रेणुका जी), रेणु (पनार रेणुका जी), और पवन शर्मा (भलोना हरिपुरधार) ने तीसरी बार नेट हिंदी उत्तीर्ण किया है।
पवन शर्मा ने पहली बार एमए के दौरान नेट परीक्षा पास की थी, दूसरी बार एमए के बाद और अब जीसीटीई धर्मशाला से बीएड करते हुए तीसरी बार सफलता अर्जित की है।
गौरतलब है कि शिलाई के बकरास के पिंजवान गांव के सुनील कुमार ने भी नेट परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। सुनील बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
वहीं शिलाई के कांडो गांव के प्रदीप ने इकोनॉमिक्स व नैनीधार के खाड़ी गांव के वेद प्रकाश ने इतिहास में नेट परीक्षा को उत्तीर्ण किया है।
इन युवाओं ने कठिन परिश्रम और अथक प्रयासों से यह मुकाम हासिल किया है। ये उपलब्धियां जिले के अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा हैं और यह साबित करती हैं कि मेहनत और समर्पण से हर लक्ष्य को पाया जा सकता है।