प्रश्नकाल से पहले भाजपा विधायकों ने आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने का आरोप लगाकर नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट किया। भाजपा विधायकों ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाकर चर्चा मांगी।
शिमला – नितिश पठानियां
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि कोरोना काल में नियुक्त आउटसोर्स कर्मियों को जरूरत के अनुसार सेवा विस्तार दिया जाएगा। 30 सितंबर तक इन कर्मियों की सेवाएं बढ़ाई गई हैं।
स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त आउटसोर्स कर्मियों के मामले सरकार देख रही है। ऑप्रेशन थियेटर, वॉर्ड बॉय या अन्य स्थानों पर जहां-जहां इनकी जरूरत होगी, वहां पर इनकी सेवाएं लेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 जून तक आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन जारी कर दिया है। सितंबर तक का वेतन देने की फाइल वित्त विभाग को भेजी है। जल्द वेतन जारी कर दिया जाएगा।
प्रश्नकाल से पहले भाजपा विधायकों ने आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने का आरोप लगाकर नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट किया।
भाजपा विधायकों ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाकर चर्चा मांगी। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने नियमों का हवाला देकर प्रस्ताव नामंजूर कर दिया।
शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि बेरोजगारी चरम पर है। जो लोग आउटसोर्स पर लगे हैं, उन्हें निकालकर बेरोजगार किया जा रहा है। कांग्रेस सरकार सत्ता में रोजगार देने के नाम से आई है। आउटसोर्स कर्मचारी धरने पर हैं। बीते रोज मुख्यमंत्री से भी मिले।
उन्होंने कहा कि इन कर्मियों को निकालने से काम प्रभावित हो रहा है। जल शक्ति विभाग में आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकालने के बाद लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा। अब स्वास्थ्य विभाग में भी ऐसा ही होने जा रहा है।
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 10 हजार के करीब आउटसोर्स कर्मचारी सड़कों पर हैं। 2,000 कर्मचारी तो स्वास्थ्य विभाग से हटाए गए। जिन्होंने कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया, उन्हें बाहर किया जा रहा है।
कोरोना काल में जब परिजन भी अपनों से मिलना नहीं चाह रहे थे, तब इन्होंने लोगों की सेवाएं की। जिन्होंने जिंदगी बचाई, उनके साथ अन्याय किया तो पाप लगेगा।
जयराम ने कहा कि इन कर्मियों को बीते छह माह से वेतन नहीं मिला। जवाब में सीएम सुक्खू ने कहा कि गीता में लिखा है जो झूठ और जोर से बोलता है, पाप उसे लगता है। विपक्ष झूठ बोलता है और जोर-जोर से चीखता है।
छह महीने से वेतन नहीं मिलने के विपक्ष के आरोप झूठे है। कोरोना काल में लगे कर्मचारियों को मार्च तक तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया। फिर जून तक तीन महीने का सेवा विस्तार दिया। अब सितंबर तक सेवा विस्तार दिया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष बिखरा-बिखरा नजर आ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गलतियां भाजपा सरकार ने की, भुगत हम रहे हैं। इन्हें प्रदेश से कोई लेनादेना नहीं हैं। यह अपनी कुर्सी बचाने के लिए लगे हुए हैं। भाजपा ने अपने शासनकाल में ऐसी रोजगार नीति बनाई कि सारी भर्तियां कोर्ट में अटकी रहीं।