चम्बा- भूषण गुरुंग
गोरखा समुदाय के लोगों का पांच दिवसीय दशहेरा पर्व आज से शुरू हुआ | आज सुबह से ही गोरखा समुदाई के लोगो द्वारा अपने अपने घरों में साफ सफाई करने के बाद अपने घरों के कुल देवी और देवताओ के पूजन करने के बाद दशहेरा पर्व का शुभ आरंभ किया जाता है।
घर के बजुर्ग लोग सार्दिक नवरात्रे में बीजे गए खेत्री को काट कर चावल दही औऱ लाल गुलाल डाल कर संभी देवताओ को चढ़ाया जाता है और उसके बाद और घरो मे बनाया गया मिष्ठान देवी देवताओं को चढ़ा कर आशीर्वाद लेने के बाद घर के सभी सदस्यों को एक साथ बिठा कर सभी के माथे में दही और चावल का टिक्का लगा कर घर में बीजे गए खेत्री को मर्द लोगो के कान और औरतों के सर में लगा कर सभी को आशीर्वाद देकर सभी को दक्षिणा के रूप मे सभी को पैसे दिया जाता है।
ये पर्व पूरे पाच दिन तक हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है ।कियो की इन पाच दिनों में सभी लोग अपने अपने सगे सम्बन्धियो के घर घर जाकर बजुर्गो का आशीर्वाद लेते है। जो भी लोग देश और विदेश में रहते है। वो भी दशहेरा का पर्व मनाने जरूर आते है। जो लोग भी अपने रिस्तेदारों के घरो में जाते है ।
वो अपने साथ घरो में बनाया गया मिस्ठान ,बटुक ,सेलरोटी,गुजिया ,मेवा ,और फल लेकर ज़रूर जाते है । और सभी रिस्तेदारो के घरो में जाकर नाच गाना कर के खुशी खुशी शाम को अपनै अपने घरो में चले आते है।अंतिम पाच दिन के बाद घरो में बीजे गए खेत्री और दही और चावल से बने तिलक को जल प्रवाह कर दिया जाता है।