अगाध श्रद्धा का केंद्र है जमुआला दा नाग, नाग बाबा के बारों के दौरान खूब उमड़ता है श्रद्धा का सैलाब

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अगाध श्रद्धा का केंद्र है जमुआला दा नाग, नाग बाबा के बारों के दौरान खूब उमड़ता है श्रद्धा का सैलाब।

देहरा – शिव गुलेरिया

आइए आज लिए चलते हैं आपको पवित्र धर्म स्थली जामुआला दा नाग चेलियां दरकाटा में इन दिनों यहां नाग बाबा के बार चले हुए हैं भक्तों की अगाध श्रद्धा का यह केंद्र विश्व विख्यात है। सावन में यहां रोजाना हजारों भक्त नतमस्तक हो कर नाग बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते है यूं तो ये सिलसिला साल भर ही चला रहता है।

हिमाचल की इस पावन धरती पर सेंकडों देवी देवता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मंदिरों मैं विराजमान है तथा हिमाचल के साथ साथ वाहरी राज्यों के लोगों का भी इन दैवी शक्तियों मैं अटूट विश्वास है। इन्ही मैं से एक प्रसिद्द धार्मिक स्थल है जमुआलां दा नाग।

ये पवित्र धार्मिक स्थल देहरा धर्मशाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर दरकाटा (रानीताल) के ग्राम चेलियां मै विद्यमान है। इस पवित्र स्थली मैं पहुँच कर व्यक्ति मंत्रमुग्ध हो जाता है यहाँ पूरा वर्ष श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है । श्रावण मॉस मैं लगने वाले नाग देवता के वारों मै दूर दूर से आकर लोग नाग देवता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं श्रवण मॉस मैं यहाँ मेले लगते हैं।

मान्यता है की यहाँ आकर सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति ठीक हो जाते हैं। आम धारणा के अनुसार लोग इस दिव्य शक्ति को जमुआलां दा नाग के अलोकिक नाम से जानते हैं। कहते है सदियों पहले जमुआल नामक एक परिवार जम्मू से उठ कर रानीताल के ग्राम चेलियां मैं आ कर बस गया था लेकिन नाग देवता जो की उनके कुल देवता हैं उनको यहाँ साथ नहीं लाये।

जब ये परिवार यहाँ आकर पुरण रूप से बस गया तो श्री नाग देवता ने विद्वान बजुर्ग को स्वपन मै दर्शन दिए और कहा की मैं आपका कुल देवता हु और मैं भी आपके साथ ग्राम चेलियां जाना चाहता हूँ। जमुआल परिवार असमंजस मैं पड गया की आखिर इतनी दूर से नाग देवता को यहाँ लाया कैसे जाये।

उस समय आवागमन के पर्याप्त साधन न होने के कारण जमुआल परिवार पैदल पालकी लेकर कई दिनों के सफर के बाद जम्मू पहुंचा और पूरे विधि विधान सहित नाग देवता को जम्मू से लाकर यहाँ ग्राम चेलियां मैं नाग देवता जी की पिंडी को यहाँ स्थापित किया।

बरसों से यह स्थान लोगों की अगाध श्रद्धा का केंद्र है। नाग देवता के चलने वाले बार में हर साल यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु नतमस्तक होते हैं तथा बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ये पवित्र स्थाान को सप ने डस् लिया हो तो कहते हैं की नाग देवता जी की पवित्र चरण घाड़ (चमत्कारी मिटटी) लगाने से और मंदिर की परिक्रमा करने सर्पदंश से पीड़ित धीरे धीरे ठीक होने लगते हैं।

ऐसी भी मान्यता है की यहाँ हर वर्ष नाग देवता साक्षात् दर्शन भी देते हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी रविंद्र जमुआल ने बताया कि सावन माह के 16 जुलाई से नाग बाबा के बार यानी मेले शुरू हो चुके हैं तथा यह 16 सितंबर तक चलेंगे तथा 16 सितंबर को मंदिर प्रबंधन द्वारा विशाल भंडारे का भी आयोजन हर वर्ष किया जाता है।

उन्होंने बताया कि हर वर्ष यहां लगभग डेढ़ सौ के करीब दुकानें लगती हैं जिसमें हिमाचल प्रदेश से विभिन्न विभिन्न जगहों से आकर लोग मेले में दुकानदारी करते हैं। शासन तथा प्रशासन का नाग बाबा के मेलों के दौरान पूरा सहयोग रहता है।

उन्होंने बताया कि इस माह नाग बाबा लगभग 3 बार दर्शन दे चुके हैं। हर वर्ष ही नाग बाबा दर्शन देते हैं। मंदिर मैं नाग देवता के दर्शनों के लिए अच्छी व्यवस्था की गयी है। मंदिर मैं दर्शनों के लिए महिला और परुषों के लिए रास्तों की अलग अलग व्यवस्था की गई है। पीने के पानी की उचित वय्वस्था के साथ साथ संगत के वैठने के लिए तथा शौचालय के भी उचित इंतज़ाम किये गए हैं।

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