शिमला – नितिश पठानियां
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से प्रेस बयान जारी कर कहा कि प्रदेश सरकार डेढ़ साल से प्रदेश का विकास रिवर्स गियर में चल रहा है। डेढ़ साल में सरकार के पास विकास के नाम पर बोलने के लिए कुछ भी नहीं हैं। प्रदेश में बारिश की वजह से आई आपदा को एक साल का समय हो चुका है और अभी तक लोग सहायता के लिए भटक रहे हैं।
इस आपदा में भूमिहीन हो चुके लोगों को अभी तक जमीन नहीं मिली और लोग जंगलों में रहने को मजबूर हैं। आपदा प्रभावितों के प्रति इस तरह की संवेदनहीनता अत्यंत दुःखद है। सरकार अपने वादों को याद करे और मानवीयता के आधार पर लोगों की प्रभावी तरीक़े से मदद करे। सिर्फ़ ज़ुबानी ज़माखर्च से कुछ नहीं होने वाला है। बेघर हुए लोग एक साल से सरकार से मदद की आस में बैठे हैं।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बीते साल आई त्रासदी से प्रदेश में हजारों घर पूरी तरह से तहस नहस हो गए। लोगों के घर, बाग, पशुशालाएं, खेत, फसल सबकी भारी तबाही हुई थी। बहुत सारे लोग ऐसे थे जिनकी ज़मीनें तक बह गई थी और लोग घर के साथ ही भूमिहीन भी हो गये थे। ऐसे प्रभावितों को घर बनाने के लिए जमीन देने की मांग भाजपा ने मौके पर भी की थी और विधानसभा सत्र के दौरान सदन में भी उठाई थी।
सरकार ने बाक़ायदा आदेश जारी कर भूमिहीन हुए लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में 3 बिस्वा और शहरी क्षेत्रों में 2 बिस्वा जमीन देने की घोषणा की थी। सरकार की इस घोषणा को एक साल हो गया लेकिन अभी तक किसी भी भूमिहीन को एक इंच जमीन नहीं मिली है और लोग जंगलों में भी रहने को विवश हैं।
यह मुद्दा फिलहाल समाचारों में भी खूब उठाया गया है। लेकिन सरकार इतने महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामले में कोई भी प्रभावी कदम उठाती नहीं दिख रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब लोगों के पास जमीन ही नहीं होगी तो वह घर कहां बनाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार प्रदेश में विकास के कामों पर पूरी तरह विराम लगा चुकी है लेकिन नियमित रूप से कर्ज लेकर सरकार चला रही है। प्रदेश में अस्पताल से लेकर स्कूलों और अस्पतालों से लेकर सड़कों तथा पुलों के काम रुके हुए हैं।
आपदा के समय टूटी हुई सड़कें अभी सही नहीं हो पाई है, सड़कों के किनारे पड़ा मलबा भी नहीं हटाया गया है। जो इस बरसात में फिर से लोगों के लिए परेशानी का का कारण बन रहा है। उन्होंने कहा कि अब बहुत वक़्त बीत चुका सरकार विकास के कामों को गति दे और जनहित के मुद्दों को गंभीरता से सुलझाए। प्रदेश के युवाओं से किए अपने रोजगार के वादे को पूरा करे।